निर्दोष की हाईकोर्ट में पैरवी कर जेल से बरी कराया



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

 आगरा : पैरवी न हो पाने के कारण जिला जेल में विगत दो माह से सजा काट रहे एक निर्दोष कैदी की हाईकोर्ट में पैरवी कर सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने जेल से बरी कराया। इलाहबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को गलत ठहराते हुए 1984 के डकैती प्रकरण  व 1987 में दोष सिद्ध को निर्दोष कैदी को बरी किया। लाखन सिंह नाम के इस व्यक्ति को 1984 में लूट की एक घटना में आरोपित माना था। 1987 में कोर्ट द्वारा उसे दोषी सिद्ध करने पर जेल जाना पड़ा। हाईकोर्ट से उसने जमानत करा ली,लेकिन परिवार में कोई न होने के कारण उसकी आगे पैरवी न हो पाई। इस कारण हाईकोर्ट के आदेश पर उसको दो माह पहले पुनः जेल जाना पड़ा। संज्ञान में आने पर सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने उसको न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया।  

स्थानीय अदालत से लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद तक ट्रस्ट के ट्रस्टी व युवा अधिवक्तागण  रोहित अग्रवाल, दुर्गेश शर्मा व उच्च न्यायालय अधिवक्ता  आलोक सिंह ने पूर्ण निष्ठा एवं विधिक तर्कों के साथ इस कैदी की निःस्वार्थ मदद की और उसे न्याय से वंचित नहीं रहने दिया। ट्रस्ट द्वारा इस कैदी/व्यक्ति की पैरवी किये जाने का मुख्य कारण यह था कि इसका परिवार में कोई भी नही था और ये केंसर से भी ग्रसित था। डॉक्टर परामर्श के अनुसार यह जीवन के अंतिम क्षणों को व्यतीत कर रहा है। जेलर नागेश सिंह व समस्त जिला कारागार प्रशासन ने इस कैदी के लिए अपना मानवीय रुख अपनाते हुए हर सम्भव मदद की। ट्रस्ट के महामंत्री  गौतम सेठ की उपस्थिति व जिला कारागार प्रशासन की देखरेख में 20 दिसंबर को जिला कारागार से इस व्यक्ति की रिहाई हुई। ट्रस्ट के अध्यक्ष मुकेश  जैन,अशोक गोयल ,अनिल कुमार  एडवोकेट व नंदकिशोर गोयल ने  स्थानीय व हाईकोर्ट स्तर तक निःस्वार्थ सेवा प्रदत्त करने वाले तीनों अधिवक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।