मिर्जापुर पुलिस द्वारा दर्शनार्थियों के साथ अभद्रता- अमानवीयता



 मिर्जापुर ,(अमित कु. जैसवाल)विन्ध्याचल मन्दिर,

माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में स्थित विश्व प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मन्दिर है जहाँ देश भर से लाखों-हज़ारो श्रद्धालु आस्था के द्वार हाज़िरी लगाते हैं।पूर्व में मन्दिर पर पूजन कराने वाले पण्डों पर कई घटनाओं को बढ़ाचढ़ा कर नित्य दिखाया गया।जबकि प्रशासन द्वारा अपनी सारी कमियां छिपाई जाती रही है।विन्ध्याचल मन्दिर में पूर्व में ऐसी कई घटनाएँ जिसमे पुलिसकर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं संघ हाथापाई और अभद्र कार्यवाई सोशल मीडिया से लेकर लोगो के कैमरों में मौजूद ही थीं कि 4 अक्टूबर,रविवार की दोपहर मन्दिर प्रांगण में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा दर्शनार्थियों संघ अभद्रता फिर देखी गयी।एक ऐसी ही अप्रिय घटना हुई जिसमें मिर्ज़ापुर प्रशासन की कलह फिर खोल दी है।प्रयागराज के करछना के निवासी आनंद कुमार सिंह अपने परिवार की महिलाओं समेत दर्शन को आए थे पर पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी माँ को ध्क्का दिया गया फिर उन्हें भी जबरदस्ती कॉलर पकड़कर बाहर खींचा गया जिसमें उनके कपड़े फ़टे हैं। उनके अनुसार पुलिसकर्मियों ने उनके जेब से फोन भी खिंचने का प्रयास किया।महिला दर्शनार्थियों संघ भी अभद्र अमानवीय व्यवहार अपनाया गया।वो चीखता रहा पर पुलिसवर्दी अपने खाखीपन मे था।क्या महिला पुलिसकर्मी उचित संख्या में नही हैं कि पुरुष पुलिसकर्मी को हाथ लगाना पड़ा?मन्दिर पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों के जेब मे उनका नेम प्लेट भी नही है जिससे उनकी पहचान हो सके।आखिर ऐसा अव्यवस्था कब तक चलेगा?यह पुलिसकर्मी आय दिन मन्दिर पर पण्डों को पीट रहे हैं और आय दिन दर्शनार्थियों को परन्तु जिलाधिकारी और जिला के आला अधिकारियों के जूं तक नही लग रहे और वारदात की घटनाएं सीसीटीवी से गायब होने का भी नया प्रचलन चलने लगा है।उत्तर प्रदेश पुलिस अपने कारनामों से वैसे ही बदनाम चल रही है कि इस घटना ने इसमें और ही चाँदनी लगा दी है।शासन मन्दिर कॉरिडोर की बात तो करता है परंतु मन्दिर व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी क्या इस तरीके से बर्ताव करेंगे?क्या ऐसे पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्यवाई और अनुशासनिक कार्यवाई नही होनी चाहिए?मन्दिर की गरिमा को ठेस पहुंचा है।