शिकंजी का स्वाद

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🥀_संकलन कर्ता -रश्मि वीणा सरेचा _

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एक प्रोफ़ेसर क्लास ले रहे थे . क्लास के सभी छात्र बड़ी ही रूचि से उनके लेक्चर को सुन रहे थे . उनके पूछे गये सवालों के जवाब दे रहे थे . लेकिन उन छात्रों के बीच कक्षा में एक छात्र ऐसा भी था , जो चुपचाप और गुमसुम बैठा हुआ था . प्रोफ़ेसर ने पहले ही दिन उस छात्र को नोटिस कर लिया , लेकिन कुछ नहीं बोले . लेकिन जब 4-5 दिन तक ऐसा ही चला , तो उन्होंने उस छात्र को क्लास के बाद अपने केबिन में बुलवाया और पूछा...“तुम हर समय उदास रहते हो . क्लास में अकेले और चुपचाप बैठे रहते हो . लेक्चर पर भी ध्यान नहीं देते . क्या बात है ? कुछ परेशानी है क्या ?”

“सर , वो…..” छात्र कुछ हिचकिचाते हुए बोला , “….मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं परेशान रहता हूँ. समझ नहीं आता क्या करूं ?” 

प्रोफ़ेसर भले व्यक्ति थे . उन्होंने उस छात्र को शाम को अपने घर पर बुलाया . शाम को जब छात्र प्रोफ़ेसर के घर पहुँचा , तो प्रोफ़ेसर ने उसे अंदर बुलाकर बैठाया . फिर स्वयं किचन में चले गये और शिकंजी बनाने लगे . उन्होंने जानबूझकर शिकंजी में ज्यादा नमक डाल दिया . फिर किचन से बाहर आकर शिकंजी का गिलास छात्र को देकर कहा...“ये लो , शिकंजी पियो .”

छात्र ने गिलास हाथ में लेकर जैसे ही एक घूंट लिया , अधिक नमक के स्वाद के कारण उसका मुँह अजीब सा बन गया . यह देख प्रोफ़ेसर ने पूछा..

“क्या हुआ ? शिकंजी पसंद नहीं आई ?”


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✅ *🍃सुनहरे पन्ने*

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“नहीं सर , ऐसी बात नहीं है . बस शिकंजी में नमक थोड़ा ज्यादा है .” छात्र बोला .

“अरे , अब तो ये बेकार हो गया . लाओ गिलास मुझे दो . मैं इसे फेंक देता हूँ .” प्रोफ़ेसर ने छात्र से गिलास लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया . लेकिन छात्र ने मना करते हुए कहा , “नहीं सर , बस नमक ही तो ज्यादा है . थोड़ी चीनी और मिलायेंगे , तो स्वाद ठीक हो जायेगा .”

यह बात सुन प्रोफ़ेसर गंभीर हो गए और बोले...

*“सही कहा तुमने . अब इसे समझ भी जाओ . ये शिकंजी तुम्हारी जिंदगी है . इसमें घुला अधिक नमक तुम्हारे अतीत के बुरे अनुभव है . जैसे नमक को शिकंजी से बाहर नहीं निकाल सकते , वैसे ही उन बुरे अनुभवों को भी जीवन से अलग नहीं कर सकते . वे बुरे अनुभव भी जीवन का हिस्सा ही हैं .  लेकिन जिस तरह हम चीनी घोलकर शिकंजी का स्वाद बदल सकते हैं . वैसे ही बुरे अनुभवों को भूलने के लिए जीवन में मिठास तो घोलनी पड़ेगी ना . इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम अब अपने जीवन में मिठास घोलो .”* प्रोफ़ेसर की बात छात्र समझ गया और उसने निश्चय किया कि अब वह बीती बातों से परेशान नहीं होगा  . 

*जीवन में अक्सर हम अतीत की बुरी यादों और अनुभवों को याद कर दु:खी होते रहते हैं . इस तरह हम अपने वर्तमान पर ध्यान नहीं दे पाते और कहीं न कहीं अपना भविष्य बिगाड़ लेते हैं . जो हो चुका , उसे सुधारा नहीं जा सकता . लेकिन कम से कम उसे भुलाया तो जा सकता है और उन्हें भुलाने के लिए नई मीठी यादें हमें आज बनानी होगी . जीवन में मीठे और ख़ुशनुमा लम्हों को लाइये , तभी तो जीवन में मिठास आयेगी...*




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