राज्य सरकार ने निकायों की सुधि, आर्थिक तंगी और खर्च बढ़ने पर दिया 825 करोड़

 


प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

प्रदेश के निकायों को इस कोरोना काल में दोहरी मार झेलनी पड़ रही थी। कई निकायों में वेतन तक के लाले और कर्मचारियों की देनदारियों के बीच अचानक आय घटने और सैनेटाराइजेश और सफाई अभियान में आए खर्च के चलते निकायों की आर्थिक स्थिति लगभग लड़खड़ा रही थी। राज्य सरकार ने इस स्थिति को लगभग भापते हुए र निकायों की दुरदिन को दूर करने के लिए 825 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे वेतन देने के साथ ही नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने का काम किया जाएगा। 

पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के आधार पर निकायों को यह पैसा दिया गया है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति ठीक हो सके। पंचम राज्य वित्त आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के लिए हिस्सेदारी तय की है। राज्य सरकार ने इसके आधार पर निकायों के हिस्से का पैसा उसे दिया है। इसमें से 825 करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्रदेश के 17 नगर निगमों को 2651511111 रुपये और 200 नगर पालिका परिषदों को 2235215211 रुपये दिए गए हैं। प्रदेश की 489 नगर पंचायतों को 1196494772 रुपये दिए गए हैं। शेष पैसा 28 नई नगर पंचायतों का खाते का विवरण मिलने के बाद उसे दिया जाएगा। निकाय इन पैसों का कुछ हिस्सा कोविड-19 के प्रभाव से उत्पन्न विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत नियमानुसार खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा वेतन, भत्ते, सफाई, स्वच्छता से संबंधित काम, पेयजल व्यवस्था, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, वायु प्रदूषण सुधारने के साथ नगरीय अवस्थापना सुविधाओं जैसे सड़क, नाली व इंटरलाकिंग आदि काम पर खर्च किए जा सकेंगे। जल निकासी आदि से जुड़े कामों पर भी पंचम राज्य वित्त आयोग का पैसा खर्च किया जा सकेगा। निकायों को निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूर्ववर्ती ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कामों को कराया जाएगा और न ही इससे भुगतान किया जाएगा।