प्रेम शर्मा,लखनऊ।
ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण काल में संक्रमण की रोकथाम में जुटे सफाई कार्मियों के खिलाफ अधिकारियों ने नोटिस जारी कर लगभग इसे कमाई और दबाव का जरिया बना रखा है। रायबरेली के एक ऐसे सफाई कार्मिकों को नोटिस जारी कर दी गई जिसकी नोटिस जारी होने से लगभग 43 दिन पूर्व कोरोना काल में मृत्यु हो चुकी थी। इस नोटिस के बाद संघ के नेताओं में भारी नाराजगी है उन्होंने इस मामले में उच्चाधिकारी से तत्काल सम्बंधित अधिकारी पर कार्रवाइ्र की मांग की है। यह जानकारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार ने दी।
राजकुमार ने बताया कि रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने 25 मई को खीरों विकास खंड के बनईमऊ में तैनात बाल कुमार को अनुपस्थिति पर नोटिस जारी कर दिया है। उस नोटिस में 21 मई को अनुपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए मई माह का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक का आदेश दिया गया है। जबकि बाल कुमार की मृत्यु पंचायती चुनावों में मतदान से दो दिन पहले 13 अप्रैल को ही हो गई थी। संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार कनौजिया ने बताया इसी नियम विरूद्ध तरीके से जनपद सीतापुर के विकास खण्ड सिधौली मे भी कोविड पाजिटिव सफाई कर्मचारी को ए डी ओ ने नोटिस थमा दी। उनका आरोप है कि पूरे प्रदेश मे नोटिस देकर सफाई कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेन्द्र श्रीवास्तव ने इसका कड़ा विरोध करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना के दौर में निष्ठापूर्वक कार्य कर रहे कर्मियों के प्रति संवेदी हों। दिवंगत कर्मियों को समस्त देय और आश्रित का समायोजन समबद्ध रूप में किया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो संगठन इसका सख्त विरोध करेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के संकटकाल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी बिना अवकाश के पूरे साल सफाई और सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहा है। उस पर भी बिना आधार के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को नोटिस थमाई जा रही है। क्या यह न्याय है ? दूसरी ओर उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश पंचायतीराज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ उनकी मांगों को मुखरित कर शासन स्तर तक पहुंचा रहा है ऐसे वह जनहित में कार्य बाधित न करें और कोरोना के संकटकाल में अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक जारी रखे ताकि संभावित कोरोना की तीसरी महा लहर में कम से कम जन हानि हो।