मार्मिक कहानी- मजदूर । संकलन : राजेश लालवानी




 दिनभर रिक्शा चलाकर और मजदूरी करके अपना पेट भरने वाले सैकड़ों लोगों पर भुखमरी का संकट छा रहा है एमजी रोड के फुटपाथ पर रोजाना बड़ी संख्या में मजदूर श्रेणी के लोग महज इसलिए इकट्ठा होते हैं कि कोई उन्हें पेट भरने के लिए भोजन दे जाए देखिए यह रिपोर्ट

Vo यह नजारा एमजी रोड स्थित आगरा कॉलेज के सामने बने फुटपाथ का है आप देख सकते हैं कि इस फुटपाथ पर बड़ी संख्या में ऐसे लोग मौजूद हैं जो लॉकडाउन से पहले मेहनत मजदूरी करके अपनी और अपने परिवार की गुजर-बसर कर रहे थे लेकिन हालातों की वजह से लगे  कोरोना कर्फ्यू ने इनकी दिन भर की जीविका का जरिया भी छीन लिया और आज आलम यह है कि पेट की खातिर दो रोटी के लिए इन्हें फुटपाथ पर बैठकर समाजसेवियों का सहारा लेना पड़ रहा है कि कोई आए और इन्हें कुछ खाने के लिए दे जाए जो लोग रिक्शा चलाकर दिनभर अपने और अपने परिवार के लिए कुछ कमा कर ले जाते थे आज सवारिया ना मिलने से उनके भी घर के चूल्हे ठंडे पड़े हुए हैं और ऐसे में सबके सामने एक ही सवाल है कि हे भगवान अब क्या करें........ 

बाइट मजदूर

बाइट मजदूर

बाइट मजदूर

 दिनभर फुटपाथ पर दो रोटी की जुगाड़ में गुजर रही रोजगार विहीन मजदूरों की जिंदगी

 लॉकडाउन में काम धंधा हुआ बंद घरों के चूल्हे भी पड़े ठंडे

 खाने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में फुटपाथ पर जुटते हैं रोज कमाने खाने वाले।