जैन संत प्रमुख सागर जी ,मंगलवार को देगे, जिनेश्वरी दीक्षा।





*सुख सुविधाओं का त्याग कर मनीष बनेंगे जैन साधु।

*लालपुरा जैन मन्दिर में होगा भव्य दीक्षा समारोह।

इटावा।जैन समाज के इतिहास के पन्नों में मंगलवार को एक अध्याय और जुडऩे जा रहा है जैन संत गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज के आशीर्वाद से इटावा गौरव राष्ट्र संत आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज द्रारा सरायशेख तिकोनिया निवासी मनीष जैन को जैनेश्वरी दीक्षा देकर जैन साधु बनाया जाएगा। विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन बेटू ने बताया इटावा में जन्मे और जैन संत बने आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज के त्याग और तपस्या से प्रभावित होकर नगर के सरायशेख निवासी मनीष जैन आत्मकल्याण की भावना से 11 बर्षो से आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया हुये है। इन्हें जैन धर्म की विधि अनुसार मंगलवार 22 जून को श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर लालपुरा में आचार्य श्री मंत्र उच्चारण के साथ दीक्षा देंगे। दीक्षा से पूर्व अपने हाथों से केशलोच करेंगे,अर्थात सबके सामने अपने हाथों से अपने सिर और दाढ़ी-मूंछ के बाल उखाड़कर फेकेंगे यह इस बात का सूचक है कि मनीष का शरीर के प्रति मोह समाप्त हो गया है और वे अपनी आत्मा को तपाकर परमात्मा बनने की प्रक्रिया प्रारंभ कर रहे हैं। केशलोच के बाद मंच पर जैसे ही आचार्य श्री इन्हें दीक्षा देंगे मनीष अपने वस्त्र और आभूषणों का त्याग कर देंगे और आजीवन  साधना का संकल्प लेंगे। हर तरह के परिगृह से मुक्त होंगे यहां तक कि इनके परिवार द्वारा दिया गया नाम भी बदलकर प्रमुख सागर महाराज द्रारा इन्हें नया नाम दिया जाएगा। प्रमुख सागर महाराज द्रारा अभी तक देश मे 9 लोगो को जिनेश्वरी दीक्षा देकर जैन साधु बनाया है। दीक्षा के बाद वर्तमान नाम मनीष जैन आजीवन दिगम्बर रहकर सर्दी, गर्मी, बरसात में समभाव रखेंगे, आजीवन नंगे पांव रहेंगे और पदविहार करेंगे सभी प्रकार के वाहनों का त्याग करेंगे चौबीस घंटे में एक बार आहार करेंगे, हर चार माह में सिर, दाढ़ी, मूंछ के बाल उखाड़ेंगे अर्थात केशलोच करेंगे। गुरू आज्ञा का पालन करेंगे और तीन समय सामायिक व प्रतिक्रमण करेंगे। पीछी, कमंडल व शास्त्र के अलावा कोई वस्तु अपने पास नहीं रखेंगे। शरीर क्षीण होने पर सल्लेखना पूर्वक (अन्न जल का त्याग कर) प्राणों का उत्सर्ग करेंगे। आगम अनुसार मुनिचर्या का कठोरता से पालन करेगे। इस दौरान जैन समाज अध्यक्ष संजू जैन, महेश चन्द्र रपरिया, राजू जैन निरमा, रजत जैन, आनन्द बाबा आदि मौजूद रहे।

राजेश प्रजापति इटावा