दिवंगत कर्मचारियों के मुद्दे पर आदेश की अवहेलना कर रहे विभागाध्यक्ष मृतक आश्रितों के भुगतान मामले निगम प्रशासन को नही दी जा रही जानकारी

 


प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

कोरोना काल में योद्धा के रूप में नगर वासियों को संक्रमण से मुक्ति दिलाने के कर्तव्य पथ पर शहीद होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि आदि के भुगतान में स्वंय उनके अफसर लापरवाही बरत रहे है। नगर निगम कर्मचारी संघ द्वारा लगभग 45 कर्मचारियों की सूची देने बाद से निगम प्रशासन लगभग तीन बार इस सम्बंध में पत्राचार कर मृतक आश्रितों के सम्बंध में जानकारी तलब कर चुका है लेकिन आज की तिथि तक निगम प्रशासन के पास अब तक सूचना नही पहुंची। यही कारण है कि आज फिर अपर नगर आयुक्त अमित कुमार द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को मृतक आश्रित कर्मचारियों का ब्यौरा इस संदर्भ के साथ मांगा गया है कि उपरोक्त जानकारी लौटती डाक से उपलब्ध कराई जाएं यानि स्पष्ट है कि नगर निगम में मृत कर्मचारी की आॅसू पोछने की जल्दी की जगह पत्राचार पत्राचार किया जा रहा है। इस तरह निगम के आदेश की अनदेखी विभागाध्यक्षों द्वारा वेतन भुगतान के समय भी की जाती समय पर जानकारी उपलब्ध न होने के कारण भी लगभग अधिकत्तर माहों में वेतन का भुगतान समय पर नही होता।

ज्ञात हो कि कोरोना के अति संक्रमण काल में नगर निगम लगभग 55 कर्मचारियों की मृत्यु की सूची नगर निगम प्रशासन को नगर निगम कर्मचारी संघ ने सौपी थी। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा के मुताबिक महापौर और नगर आयुकत को उक्त सूची सौपने के साथ मृतक आश्रितों केा पचास लाख की अनुग्रह धनराशि के अलावा भविष्य निधि,पेंशन, गेच्युटी, बीमा, कर्मचारी कल्याण कोष्ज्ञ आदि की धनराशि का एक मुश्त तत्काल भुगतान किया जाए। इसके बाद बीस मई,  26 मई और 3 जून के बाद एक बार पुनः पांच जून को अपर नगर आयुक्त स्तर पर आदेश जारी कर मृत कर्मचारियों के आश्रितों को समस्त देयों के भुगतान की जानकारी लौटती डाक से तलब की जाती है। यानि स्पष्ट है कि प्रशासन लगातार  मृतक परिजनों के भुगतान की जानकारी तलब कर रहा है और विभागाध्यक्ष लगातार उस आदेश की अवहेलना कर रहे है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या विभागाध्यक्षों कों इस आशय की कोई जानकारी नही है या फिर उसे अपने अधिनस्थ कार्य करने वाले मृत कर्मचारियों के परिजनों के दूख से कोई सरोकार ही नही है कि एक तो परिवार के उदर पोषणा करने वालें को खोने और उसके बाद इस महंगाई में एक एक पैसे के अभाव में उन परिजनों का क्या होगा। इस सम्बंध में आज इस सम्बंध में नगर निगम में इस बाॅत की चर्चा अवश्य रही कि अगर इस आदेश के बाद भी कर्मचारियों की सूचना निगम प्रशासन को उपलब्ध नही कराई जाती तो इसके लिए विभागाध्यक्षों के साथ निगम प्रशासन भी बराबर का जिम्मेदार होगा । क्योकि उसके द्वारा भी संवेदनशील मामलों में विभागाध्यक्षों की इस घोर लापरवाही के बावजूद कार्रवाई न किया जाना इस तरह के अधिकारियों को प्रश्रय देने जैसा है।