कोई भी राष्ट्र अलग रहकर कोविड की चुनौती का सामना नहीं कर सकता:प्रधानमंत्री



हि. वार्ता। शाश्वत तिवारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से 'कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव' को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी राष्ट्र अलग रहकर कोविड की चुनौती का सामना नहीं कर सकता है। हमें मानवता के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कोरोना महामारी में प्रौद्योगिकी के महत्व पर बात की और कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में डिजिटल प्लेटफॉर्म की उपयोगिता को लेकर भी अपने विचार रखे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी से जान गंवाने वाले सभी देशों के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। 

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कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया संबोधित

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना से जीतने के लिए टीकाकरण एक उम्मीद है। हमने शुरुआत से ही टीकाकरण अभियान को डिजिटल माध्यम से कनेक्ट किया है। उन्होंने कहा कि 'हम वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखते हैं यानी की भारत की सभ्यता के लिए पूरा विश्व एक परिवार है। महामारी के दौरान इसे लोगों ने महसूस भी किया होगा। इसलिए कोरोना वैक्सीनेशन के लिए हमारे टेक्निकल प्लेटफॉर्म कोविन को ओपन सोर्स के तौर पर तैयार किया जा रहा है।' बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में ही कोविन पोर्टल की सुविधा अन्य देशों को मुहैया कराने की इजाजत दी है। यह अन्य देशों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा।

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भारत की विदेश नीति का नतीजा है कि 76 देशों ने को-विन प्लेटफॉर्म को अपनाने में दिखाई रुचि

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संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सौ सालों में ऐसी महामारी पहले कभी नहीं देखी गई। इसके अनुभव से पता चलता है कि कोई भी देश, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अलगाव में इस तरह की चुनौती का समाधान नहीं कर सकता। भारत इस लड़ाई में अपने सभी अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है।

कोरोना के खिलाफ जंग में प्रौद्योगिकी के महत्व पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी इस महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई का अभिन्न अंग है। उन्होंने आगे कहा कि सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इसलिए हमने टेक्निकल रूप से संभव होते ही अपने कोविड ट्रेसिंग और ट्रैकिंग ऐप को ओपन सोर्स बना दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज का कॉन्क्लेव इस मंच को वैश्विक दर्शकों के सामने पेश करने का पहला कदम है। उन्होंने बताया कि को-विन के माध्यम से, भारत ने कुछ दिनों पहले एक दिन में 9 मिलियन लोगों सहित कोविड टीकों की 350 मिलियन खुराक दी है। इसके अलावा, टीका लगवाने के लिए किसी भी तरह के कागजात की जरूरत नहीं पड़ी। यह सब डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध है। प्रधानमंत्री ने इच्छुक देशों की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार सॉफ्टवेयर की अनुकूलन क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के दृष्टिकोण मानवता निश्चित रूप से इस महामारी पर विजय प्राप्त करेगी।