एमिटी विश्वविद्यालय में शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम का समापन।





हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च द्वारा ‘‘ सेलुलर और आण्विक बायोमेडीसिन में अत्याधुनिक विज्ञान’’ विषय ऑनलाइन पांच दिवसीय शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम (27 जुलाई से 31 जुलाई )का आयोजन किया गया जिसका आज समापन हो गया। इस समापन समारोह में हैदाराबाद की राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की निदेशिका डा शशि बाला सिंह, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा बी सी दास ने प्रतिभागीयों को संबोधित किया। इस पांच दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम मे यूएसए, जर्मनी, इटली, ब्राजील, साउथ अफ्रिका सिंगापूर सहित देश के विभिन्न आईआईटी, आईआईएससीआर, आईआईएससी, आईसीएमआर, सहित विभिन्न उद्योगों से 30 से अधिक विद्वानों ने जानकारी प्रदान की।

समापन समारोह में हैदाराबाद की राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान की निदेशिका डा शशि बाला सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से शिक्षा में विकाशील और बृहद परिवर्तन हुआ है। लचीले नीति में डिजिटल तकनीकी को महत्व दिया गया है। आज तकनीकी से ज्ञान प्राप्त करके देश का विकास हो रहा है। शिक्षकों के विकास हेतु इस प्रकार के शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम और भी आवश्यक हो जाते है। डा सिंह ने कहा कि एमिटी समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा चौहान, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है और शिक्षा को नई उंचाईयों पर ले जा रहे है। शिक्षा के विकास हेतु संरचना, मानव संसाधन, वित्त और शासन आवश्यक हैै। उन्होनें कहा कि शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आपके लिए कई स्तर पर सहायक होते है, शोध बहुविषयक होते है इसलिए अधिक से अधिक लोगों से जुड़े और शोध क्षेत्रों पर चर्चा करें। नई शिक्षा नीती ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बृहद परिवर्तन किया है। शोध और नवोन्मेष को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अकादमिक और उद्योगों के मध्य मजबूत गठबंधन आवश्यक है। छात्र, संस्थान और राष्ट्र विकास के लिए शिक्षकों की उच्च गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है और शिक्षा का डिजिटलाइजेशन भी जरूरी है। नई शिक्षा नीति के प्रभावीकरण हेतु नीति, रणनीति और रोड मैप बनाना होगा। शिक्षा का उददेश्य छात्रो ंको अच्छा इंसान जो राष्ट्र विकास में सहायक हो का निर्माण करना है। डा सिंह ने राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश का विकास बिना शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन के संभव नही है। छात्रों के प्रश्नों के निवारण हेतु शिक्षकों का स्वंय को अपडेट रखना आवश्यक है। उन्होनें कहा कि आज डा शशि बाला सिंह जी द्वारा दिये गये मार्गदर्शन ने हम सभी को प्रभावित किया है। डा चौहान ने कहा कि विश्व में भारतीय मस्तिष्क का कोई भी मुकाबला नही है और हमारी बुद्धिमता और कार्यप्रणाली को विश्व मान्यता मिल रही है।

एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने संबोधित करते हुए कहा कि डा शशि बाला सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग कर रही है और शोध को नई उचांईया प्रदान कर रही है। उन्होनें एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किये जा रहे शोध सहित एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर कार्य करने पर जोर दिया।

एमिटी विश्वविद्यालय के हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन डा बी सी दास ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पांच दिवसीय इस ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम में कैंसर स्टेम सेल, टिश्शु इंजिनियरिंग, मॉलेक्युलेर मेडिसिन, ड्रग डिजाइनिंग, औषधी खोज, कैंसर इर्न्फोमेटिक्स, नैनोमेडिसिन, जीन एटिडिंग, आईपीआर और उद्यमिता में ‘‘ सेलुलर और आण्विक बायोमेंिडसिन में अत्याधुनिक विज्ञान’’ पर चर्चा की गई। इस शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम मे हजारो ंकी संख्या में देश विदेश के संस्थानो से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों के प्रतिभागियों डा तपन पटेल, डा काज़ी मोहम्मद सैयद जमाल, डा सतनाम सिंह, डा सुशीला लंका, डा विजया चित्रा ने अपने अनुभव को साझा किया और शिक्षक संर्वधन कार्यक्रम से प्राप्त लाभों को बताया। इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के प्रोफेसर डा धुव्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर डा पल्लवी अग्रवाल और एस्सीटेंट प्रोफेसर डा सोनिया कपूर द्वारा किया।