विशाल नगर कीर्तन का अनेक स्थानों पर हुआ भव्य स्वागत
गुरुद्वारा माईथान से प्रारंभ होकर गुरुद्वारा गुरु का ताल पहुंचा नगर कीर्तन
गुरु ग्रंथ साहिब की आकर्षक पालकी वह सिख मार्शल आर्ट गतका होगा मुख्य आकर्षण
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : श्रद्धा आस्था सेवा और शक्ति का अनूठा संगम नगर कीर्तन में देखने को मिला एक और जहां गुरवाणी की धुन मन में श्रद्धा भावना पैदा कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर गटके के प्रदर्शन में तलवार और दालों की टक्कर शरीर में शरण पैदा करते हुए जोश का संचार कर रही थी। यह अवसर था सरबंस दानी सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पूर्व 14 दिसंबर को विशाल नगर कीर्तन के आयोजन का। प्रतिवर्ष आगरा में सिख धर्म की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान की ओर से नगर कीर्तन का आयोजन गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व से पूर्व किया जाता है। इस वर्ष नगर कीर्तन गुरुद्वारा माईथान से प्रारंभ होकर गुरुद्वारा गुरु का ताल पर समाप्त हुआ।
नगर कीर्तन की शुरुआत गुरुद्वारा गुरु का ताल के ग्रंथि हरबंस सिंह जी ने अरदास के साथ की ।जिसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के पुत्र अलौकिक उपाध्याय अपने सिर पर रखकर आए और फूलों से सजी पालकी में विराजमान कराया। किसके साथ ही नगर कीर्तन की शुरुआत हुई।पालकी के आगे गुरु पंथ के दास संस्था के सदस्यों के साथ-साथ अनेक महिला पुरुष नंगे पैर झाड़ू से सफाई, पानी का छिड़काव और सड़क पर पुष्प वर्षा करते हुए सेवा और आस्था का एक अनूठा संगम प्रदर्शित कर रहे थे। पालकी के आगे पंज प्यारे और निशानची साहिबान चल रहे थे,जिनके पीछे आ रही पालकी पर पूरे मार्ग में संगत माता टेकने को उमड़ रही थी।
नगर कीर्तन में गुरुद्वारा गुरु का ताल के संत सिपाही रंजीत अखाड़े के वीर सिख मार्शल आर्ट गतका का प्रदर्शन करते हुए और विभिन्न तरह के शास्त्रों का इस्तेमाल करते हुए युद्ध कला के कई हैरत अंगेज करतब दिखाते हुए चल रहे थे। गतके में वीरों के साथ-साथ बालिकाओं भी युद्ध कला का शानदार प्रदर्शन कर रही थी ।गतके में मुख्य रूप से लाठी ,तलवार, भाला ,बरछी ,खंजर, नेजे, कांटे वाला गोला, गदा ,तीर कमान के साथ-साथ 10 फूटी तलवार के प्रदर्शन भी सबको रोमांचित कर रहा था।
श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान कवलदीप सिंह और हेड ग्रंथि ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया पहली बार नगर कीर्तन गुरुद्वारा में स्थान से शुरू होकर गुरुद्वारा गुरु का ताल ले जाया गया जो की काफी सफल रहा और संगत ने बढ़ चढ़कर नगर कीर्तन में अपनी हाजिरी भरी नगर कीर्तन के गुरुद्वारा गुरु का लाल पहुंचने पर मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी नगर कीर्तन में आई संगत का बहुत ही उत्साह व श्रद्धा भावना के साथ स्वागत किया नगर कीर्तन को विशाल बना रहे।
सभी गुरुद्वारों के राजी जाते प्रबंध कमरिया व संगत के स्वागत के लिए गुरुद्वारे में आकर्षक लाइटिंग आदि की गई थी साथ ही सभी के लिए लंगर के साथ-साथ अनेक तरह के व्यंजनों के स्टाल भी लगे गए थे संत बाबा प्रीतम सिंह जी बाबा अमरीक सिंह महंत हरपाल सिंह समेत समूह सेवक जत्थे ने सभी प्रबंध कमेटियों, सभी गुरुद्वारों के रागी जत्थों, सिख संस्थाओं आदि के पदाधिकारीया को सिरोंपा देकर सम्मानित किया।
नगर कीर्तन के सबसे आगे नौजवान दो पहिया वाहनों के साथ थे जिनके पीछे दर्जन भर घोड़े का एक जत्था था जिस पर हाथों में निशान साहिब लिए निहंग सिंह सवार थे। इसके साथ ही गुरु नानक जूनियर हाई स्कूल माई थान व डी बी संतोख सिंह खालसा इंटर कॉलेज के बच्चे भी पंजाबी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए चल रहे थे।
हेड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन गुरुद्वारा में स्थान से प्रारंभ होकर घटिया चौराहा एमडी जैन हरी पर्वत चौराहा स्पीड कलर लैब से मुड़कर आरबीएस चौराहे से मास्टर प्लान होते हुए खंदारी पहुंचेगा यहां से नगर कीर्तन सर्विस रोड पर होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे से लोहे वाले फ्लावर को पार कर बाईपास के दूसरी और के सर्विस लेन पर आएगी और सीधे गुरुद्वारा गुरु का ताल पर जाकर समाप्त हुआ जिसका मार्ग में अनेक स्थानों पर शानदार तरह से स्वागत किया गया।
मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन के लिए महिला व पुरुषों के लिए जिस ड्रेस कोड की अपील की गई थी सभी उसी के अनुसार ही पुरुष सफेद कुर्ते पजामे और केसरी व नीली पगड़ी पहन कर ही नगर कीर्तन में पहुंचे तो वहीं महिलाएं सफेद सूट पर केसरी वह नीली चुन्नी ओढ़ कर नगर कीर्तन में शिरकत करती नजर आई।
नगर कीर्तन में मुख्य रूप से सुखमनी सेवा सभा के वीर महेंद्र पाल सिंह अपने जट के साथ कीर्तन करते हुए चल रहे थे साथ ही गुरुद्वारा शहीद नगर से हरपाल सिंह मलकीत सिंह श्याम भोजवानी गुरुद्वारा कलगी धार सदर बाजार से रविंद्र ओबेरॉय बंटी ओबेरॉय बबलू अर्शी गुरुद्वारा गुरु का बैग मधु नगर से रविंद्र सिंह ललिया गुरुद्वारा बालूगंज से हरजिंदर सिंह गुजराल समेत गुरुद्वारा नॉर्थ ईदगाह से हरजीत सिंह प्रिंस त्रिलोक सिंह संगत वरगी ओठों के साथ नगर कीर्तन में पहुंचे। इसके अलावा गुरुद्वारा विजय नगर नया पास लोहा मंडी बलकेश्वर छिपी टोला कृष्णा नगर कब संगत नगर कीर्तन में पहुंची।नगर कीर्तन का संचालन व्यवस्था देख रहे सेवादार नगर कीर्तन के साथ-साथ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में भी सहयोग देते नजरआ रहे थे।
समन्वयक बंटी ग्रोवर और प्रवीण अरोड़ा ने ने प्रशासन से पूरे मार्ग में सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने में विशेष सहयोग दिया। नगर कीर्तन में इस वर्ष कई झांकियां भी निकली गई।जिसमें तीन प्रमुख झांकियां नवे गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी महाराज व उनके तीन सिख भाई मती दास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी की शहादत को दर्शाती नजर आयों।
इसके अलावा कई स्कूली बच्चे सिख संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए चलेंगे और पंजाब से आया हुआ बैकपाईपर बैंड व स्थानीय बैंड भी नगर कीर्तन को और अधिक आकर्षक बनाया।नगर कीर्तन के स्वागत के लिए पूरे मार्ग में कई स्थानों पर विभिन्न संस्थाओं व स्थानीय निवासियों की ओर से मंच बनाए जा रहे हैं तो वही खाने पीने के अनेक तरह के स्टॉल भी नगर कीर्तन मार्ग और गुरुद्वारा गुरु का ताल में लगाएं गए।।
इस दौरान इंदरजीत सिंह गुजराल.जगदीप सिंह साहनी,हरजोत सिंह साहनी, श्याम भोजवानी,लक्की सेतिया,पाली सेठी, प्रवीन अरोङा ,वीरेंद्र सिंह वीरे,हर्षपाल सिंह सेठी बबलू अर्शी,राना रंजीत सिंह रविन्द्र ओबराय,रजिंदर पाल सिंह,अवतार सिंह. हरपाल सिंह, गुरप्रीत सिंह रौनक वाधवा,रघुबीर सिंह,जीतू बागङी ,सतविंदर सिंह ,संनी अरोङा, बादल.छोटा जूगनू ,बाबा चुरकी,रछपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट - असलम सलीमी






