वृन्दावन में ब्रज अकादमी द्वारा आयोजित स्थापना दिवस एवं हनुमानजी जयंती महोत्सव।




वृन्दावन। मोतीझील स्थित श्रीराधा उपासना कुंज में चल रहे ब्रज अकादमी के त्रिदिवसीय स्थापना दिवस महोत्सव एवं हनुमान जयन्ती महोत्सव के तीसरे दिन सन्त-विद्वान समागम हुआ। 

अखण्डानन्द आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती  ने कहा कि श्रीपाद बाबा महाराज हनुमान जी महाराज के परम् भक्त थे। इसीलिए उन्होंने हनुमान जयंती के दिन सन 1978 में ब्रज संस्कृति के संरक्षण, उन्नयन, यमुना शुद्धिकरण के लिए ब्रज अकादमी की स्थापना की। उन्होंने इस अकादमी में ब्रज से सम्बंधित असंख्य पांडुलिपियों को संग्रहित किया। साथ ही उनके प्रकाशन का भी बीड़ा उठाया। 

भागवताचार्य डॉ. मनोजमोहन शास्त्री ने कहा कि हनुमानजी महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान हैं। उनमें वीरता, स्वामी भक्ति, बुद्धि-ज्ञान आदि का भंडार है। जो व्यक्ति जिस कामना से उनकी पूजा-अर्चना करता है, उनकी कामना वे पूर्ण करते हैं। 

ब्रज अकादमी के निदेशक व एस. एन. मेडीकल कालेज के पूर्व मैडिसन विभागाध्यक्ष डॉ. बी.बी. माहेश्वरी ने कहा कि कलिकाल में हनुमान जी की आराधना के बिना प्रभु श्री रामजी की भक्ति असंभव है। हनुमान जी सर्व पूज्य देवता हैं। इसीलिए उनके मन्दिर सारे देश के कोने-कोने में विद्यमान हैं। उनकी उपासना भी अत्यंत सरल व सुगम्य है। 

   ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी  ने कहा कि हनुमन्त लाल के जीवन दर्शन का गुणगान न केवल हिन्दी साहित्य में अपितु विश्व वांगयम्य मे भी विभिन्न भाषाओं में हुआ है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी कृत रामचरित मानस में जिस सुंदरकांड का उल्लेख है वह हनुमन्त भक्ति के लिए सर्वोत्तम है।इस कांड का पाठ करने वाले व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे होते हैं।

इस अवसर पर श्रीराधा उपासना कुंज के महन्त बाबा सन्त दास जी महाराज,ब्रज अकादमी की सचिव साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया,संगीताचार्य देवकीनन्दन शर्मा,युवा साहित्यकार राधाकान्त शर्मा, गोरेदाऊजी आश्रम के महंत प्रह्लाद दास जी महाराज,जगद्गुरू स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज,आचार्य नेत्रपाल शास्त्री,अखण्डानन्द आश्रम के पुस्तकालयाध्यक्ष सन्त सेवानंद ब्रह्मचारी,डॉ. चन्द्रप्रकाश शर्मा,निम्बार्क कोट के महंत वृन्दावन बिहारी महाराज, बेरिया वाले बाबा महाराज,पिंकी माथुर, ममता खट्टर, अश्वनी माथुर, श्री राजेश, श्रीमती राज, श्रीमती गीता देवी, श्रीमती मीरा एवं महेंद्र अरोड़ा, श्रीमती मीना, भक्तिमति शशिबाला, भक्तिमति रीता,श्री धर्मवीर, नीलेश कश्यप, अजय सैनी, कौशल पाठक, अरुण माहेश्वरी, आचार्य अशोक कुमार शास्त्री,पुण्डरीक कृष्ण महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।महोत्सव में अखण्डानन्द आश्रम के अध्यक्ष महंत सच्चिदानंद सरस्वती महाराज का उनकी अविस्मरणीय आध्यात्मिक व धार्मिक उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ब्रज अकादमी के द्वारा अभिनंदन व सम्मान किया गया।

संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया। रात्रि को श्रीहित आदर्श कृष्ण कला मण्डल के द्वारा रासाचार्य स्वामी चोखेलाल वशिष्ठ एवं स्वामी चन्द्रबिहारी वशिष्ठ के द्वारा रासलीला व अत्यंत नयनाभिराम एवं चित्ताकर्षक मंचन किया गया।

रिपोर्ट-डॉ. गोपाल चतुर्वेदी।