आगरा में बनेगा,विश्व का पहला वैदिक गर्भाधान संस्कार केंद्र व मेटरनिटी होम।

 





प्रतापनगर, खतैना रोड पर हुआ नींव पूजन।

महिला समाजसेवियों में दिखा उत्साह।

हिन्दुस्तान वार्ता।आदर्श नन्दन गुप्त

आगराः देश में एक अनूठा प्रयास किया जा रहा है। श्री चंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट की ओर से डी प्रतापनगर, खतैना रोड पर वैदिक गर्भाधान संस्कार व मेटरनिटी होम बनाया जा रहा है, जिसमें गर्भस्थ शिशु के मन मस्तिष्क में संस्कार की भाव भरे जाएंगे। इस के भवन का नींव पूजन बुधवार को वेदमंत्रों के साथ किया गया।  

नींव पूजन, अपना घऱ,भरतपुर के संचालक डा.बीएम भारद्वाज व समाजसेवी मधु बघेल ने किया। ट्रस्ट के प्रेरणास्रोत अशोक गोयल ने बताया कि इस प्रकल्प में श्री अरविंद सोसायटी पुंडूचेरी, श्री अरहम गर्भ संस्कार, वेद शास्त्र एवं मंत्र विशेषज्ञ संपदानंद का मार्गदर्शन मिलेगा।  

केंद्र की निदेशक डा.सुनीता गर्ग ने बताया कि हम सकारात्मक माहौल में शिशुओं क जन्म कराएंगे तो देश का भविष्य उज्ज्वल होगा। इसी का प्रयास किया जा रहा है।   पुष्पा अग्रवाल, कांता माहेश्वरी, अशोक अग्रवाल, इंजीनियर सुधांशु जैन ने इस संस्कार केंद्र की योजना पर प्रकाश डाला। भिक्की मल, मोहनलाल, राकेश गर्ग रमेश चंद राजीव अग्रवाल मनोज अग्रवाल, घनश्यामदास, महावीर मंगल, किशन कुमार अग्रवाल, रामेश्वर दयाल  आदि मौजूद रहे।

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क्या होता है गर्भ संस्कार....

गर्भ संस्कार का अर्थ है 'गर्भ में शिक्षा'। सामान्य रूप से यह माना जाता है कि गर्भधारण करने के साथ ही बच्चे के मानसिक विकास की शुरुआत हो जाती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि गर्भ में शिशु का मस्तिष्क 60 प्रतिशत तक विकसित हो जाता है। वह गर्भावस्था में माँ की मनोदशा से प्रभावित हो सकता है। इसका उल्लेख शास्त्रों और वेदों में ही है। गर्भ संस्कार के अनुसार, गर्भस्थ शिशु संगीत और अन्य आवाजों के साथ-साथ आपके विचारों और भावनाओं को पहचानने और इनके प्रति प्रतिक्रिया करने में सक्षम होता है। परिवार के बुजुर्ग जोर देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सकारात्मक और तनावमुक्त रहना जरूरी है। यह सब इस केंद्र पर किया जाएगा।