अदब -ओ -एहतराम से निकाला गया,इमाम का अलम शरीफ जुलूस।

 




-जो मोहब्बत को आम करते है। 

वो ही दुनिया में नाम करते हैं॥

-उनके कांधों पे थे सवार हुसैन। 

जिनका सब एहतराम करते हैं ।।

हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

 खानकाह आलिया कादरिया नियाजिया हज़रत मैकश, मेवा कटरा से अलम शरीफ का जुलूस बड़ी ही अदब ओ अकीदत के साथ निकाला गया । जिसकी जियारत के लिए हजारों अकीदतमंद मौजूद रहे । 

यह जुलूस खानकाह के सज्जादानशीन हजरत मखदूम सैयद अजमल अली शाह जाफरी कादरी नियाजी़ की जैरे सरपरस्ती में मेवा कटरा , शाह कॉन्पलैक्स से शुरू हुआ।

 जुलूस फुव्वारा, हॉस्पिटल रोड , गुड़ की मंडी, फुलट्टी बाजार ,सेव का बाजार, तिलक बाजार, पाय चौकी होता हुआ कटरा दबकैयान स्थित फूलों के ताजिए पर जाकर समाप्त हुआ तथा अलम -ए- मुबारक ताजिये शरीफ पर नसब (लगाया) किया गया।

 खानकाह के सज्जादानशीन ने फरमाया कि मौला हुसैन की मोहब्बत दिल में रखना इबादत से कम नहीं ,जो इनसे मोहब्बत करेगा उससे आपके नानाजान रसूल -ए- पाक मोहब्बत करेंगे और जिससे रसूल -ए- पाक मोहब्बत करेंगे उससे अल्लाह मोहब्बत करेगा। जन्नत को पाने का रास्ता हजरत-ए- अली के घर से जाता है। हम सभी को मौला हुसैन से मोहब्बत रखनी चाहिए और ऐसी मोहब्बत कि मोहर्रम शरीफ आते ही हमारे चेहरों पर वो गम की झलक महसूस होनी चाहिए कि जैसे हमारे घर में कोई गमी हो गई हो। जुलूस में काफी संख्या में आशिकाने मौला हुसैन ने शिरकत की।  

हुसैनी जुलूस मे राष्ट्रीय तिरंगा भी शामिल किया गया।

इस दौरान मुख्य रूप से सैयद फैज अली शाह नियाजी, सैयद ग़ालिब अली शाह नियाजी, सैयद अम्बर अली शाह नियाजी, एजाज नियाजी, शमीर नियाजी, अख्तर नियाजी, शादाब नियाजी, आमिर नियाजी, नायाब नियाजी, बबलू नियाजी, आयान नियाजी, मुस्तकीम नियाजी, हाजी अफजाल नियाजी, हाजी इम्तियाज नियाजी, ताज नियाजी आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।