श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाश पर्व पर, बही कीर्तन की प्रबल रस धारा।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। जुगो जुग अटल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाश पर्व जहां देश विदेशों मे बही कथा और कीर्तन की प्रबल रस धारा। इसी कड़ी में आगरा के विभिन्न गुरुद्वारों में भी धार्मिक आयोजन हुआ।

मुख्य आयोजन सुबह गुरुद्वारा गुरु के ताल पर और शाम को केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान के तत्वाधान मे हुआ।

दीवान की आरम्भता श्री राहिरास साहिब के पाठ से हुई। उपरांत भाई हरजिंदर सिंह नेसब सिक्खन को हुकुम है गुरु मानियो ग्रंथ..का गायन करते हुए कहा, श्री गुरु अरजन देव जी ने अपने पूर्ववर्ती गुरु साहिबो,भगत साहिबो,भट्टो की वाणी का भाई गुरदास जी से संपादन का कार्य 1604 ईस्वी मे किया।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब में 6 गुरुओं , विभिन्न धर्मों के 15 भक्तो ,11भट्टो की वाणी शामिल है।

भाई बिरजेंद्र पाल सिंह जी हजूरी रागी ने संता के कारजि आपि खलोइआ हरि कमु करावणि आइआ राम ॥ (अंग 783) ।का गायन कर, संगत को निहाल किया।

भाई गगनदीप सिंह ने..

मेरा सुंदर सुआमी जी हंउ चरन कमल पग छारा.. का गायन किया।

इस अवसर पर हैड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह जी ने 285 वर्ष पुराना 1735 का हस्त लिखित ,1इंच वाला 110 साल पुराना स्वरूप के दर्शन संगत को करवाए।साथ ही सरवत के भले की अरदास की।

उपप्रधान पाली सेठी, परमात्मा सिंह,समन्वयक बंटी ग्रोवर,हरपाल सिंह जस्सी, यूरी,बबलू, रछपाल सिंह, मक्खन सिंह, बादल सिंह,गुरप्रीत सिंह, अवनीत कौर,बबली बग्गा आदि की उपस्थिति सराहनीय रही।