डीईआई में स्वतंत्रता दिवस ,बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया।





हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाते हुए, दयालबाग शिक्षण संस्थान, दयालबाग, आगरा में तिरंगा झंडा फहराया गया।

 इस अवसर पर मुख्य अतिथि आगरा के मुख्य विकास अधिकारी श्री ए. मणिकंदन, आईएएस थे। डीईआई-एनसीसी के छात्रों ने आगमन पर श्री और श्रीमती मणिकंदन को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया। उल्लेखनीय अनुशासन और समन्वय के साथ सभी संकायों, कॉलेजों और स्कूलों की टुकड़ियों द्वारा एक भव्य मार्च पास्ट का आयोजन किया गया। छात्रों के विभिन्न समूहों द्वारा देशभक्ति गीत गाए गए। विभिन्न प्रतियोगिताओं और मार्च पास्ट परेड के विजेताओं को मुख्य अतिथि और निदेशक, डीईआई द्वारा पुरस्कार दिए गए। डीईआई नर्सरी और प्ले सेंटर के छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘सुपरमैन दल’ को विशेष पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम का भारत और विदेशों में डीईआई के विभिन्न अध्ययन केंद्रों पर प्रसारण किया गया और दयालबाग के ई-कैस्केड नेटवर्क के माध्यम से हजारों लोगों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि ने दयालबाग शैक्षिक संस्थान, दयालबाग, आगरा में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की सराहना की और छात्रों को अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन के माध्यम से भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में योगदान देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित किया। 

उन्होंने छात्रों को स्वतंत्रता दिवस का महत्व समझाया और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए महान बलिदानों को याद किया। उन्होंने पिछले 75 वर्षों में देश द्वारा की गई महान आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला और विशेष रूप से हमारे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा किए गए विभिन्न आविष्कारों और तकनीकी विकास पर जोर दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि डीईआई की शिक्षा का पारिस्थितिकी तंत्र एक पूर्ण और समग्र इंसान बनाता है और कहा कि डीईआई अपने छात्रों को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए वांछित मूल्यों और गुणों को उल्लेखनीय रूप से प्रदान कर रहा है।

 दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर पीके कालरा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुए छात्रों को भविष्य में दुनिया की बढ़ती आबादी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की चुनौती का सामना करने के लिए अभिनव समाधान के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि सभी को पौष्टिक तत्व उपलब्ध कराकर ही लैक्टो-शाकाहार की जीवन शैली से ही खाद्य सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है। श्रीमती मणिकंदन ने भी स्वतंत्रता के सही अर्थ पर प्रकाश डालते हुए अपने प्रेरक भाषण से छात्रों को प्रोत्साहित किया और जीवन में सफलता के लिए अनुशासन को सबसे महत्वपूर्ण घटक बताया और बताया कि डीईआई में छात्रों का अनुशासन अत्यधिक सराहनीय है। कार्यक्रम का समापन संस्थान के गीत के साथ हुआ और इस अवसर पर आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। डीईआई में कार्यान्वित विभिन्न नवीन उत्पादों और योजनाओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई और सभी उपस्थित लोगों ने इसकी सराहना की। श्रीमती और श्रीमान मुख्य अतिथि ने छात्रों की प्रस्तुति में विशेष रुचि ली और उन्हें भविष्य में बड़ी सफलता की कामना की। इस अवसर पर श्री गुर स्वरूप सूद, अध्यक्ष, डीईआई, प्रो. आनंद मोहन, रजिस्ट्रार, डीईआई, कोषाध्यक्ष श्रीमती। स्नेह बिजलानी, प्रो. वंदना गौड़, कार्यक्रम समन्वयक, एनएसएस समन्वयक डॉ. सुनेश्वर प्रसाद, संकाय प्रमुख, डीन और प्राचार्य भी उपस्थित थे।

रिपोर्ट-चाँदनी सिंह।