अखिल भा.क्षत्रिय महासभा की राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा पहुँची,अयोध्या।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

अयोध्या 25 सितंबर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की गत 09 अगस्त को जम्मू से शुरू हुई राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा आज पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, बंगाल, बिहार होती हुई आज मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के की पावन नगरी अयोध्या पहुँची। अयोध्या पहुँचने पर सभी जाति व संप्रदाय के लोगों ने भारी संख्या में  रथ यात्रा का स्वागत व सत्कार किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर महेंद्र सिंह तँवर ने बताया कि हमारी यह रथयात्रा किसी विशेष जाति या समुदाय के लिए नहीं है अपितु हम सभी जातियों और सभी वर्गो के हित, सामाजिक हित और राष्ट्र हित के लिए सभी के सहयोग से इस रथयात्रा के माध्यम से जनग्रति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी तीन प्रमुख माँगें है। जातिगत आरक्षण की समाप्ति व आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था, महापुरुषों के इतिहास का संरक्षण व सामाजिक समरसता जिसके अंतर्गत विभिन्न जातियों में व्याप्त भेदभाव को मूल से समाप्त करने का सभी जाति व सरकार प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आज तक जितने भी हमारे महापुरूष चाहे वो किसी भी जाति के रहे हों किसी ने भी जाति भेदभाव की बात कभी नहीं कही। अपितु जीवन पर्यंत सभी जातियों के उत्थान के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उन्होने आगे कहा कि आरक्षण आज भाई से भाई के बीच की दीवार को दिन प्रति दिन और बड़ा कर रह है।आरक्षण से आज तक आरक्षित जातियों का भी कोई ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ है।अपितु इसका फ़ायदा सिर्फ़ और सिर्फ़ कुछेक धनाढ्य व संपन्न लोग ही उठा रहे हैं। अतः आरक्षण देश की प्रगति, उन्नति और भाईचारे के बीच में एक बहुत बड़ी बाधा बनकर खड़ा है। इसीलिए देश की एकता और अखंडता के लिए यह परम आवश्यक है कि जातिगत आरक्षण को समाप्त किया जाय व आर्थिक आधार पर सिर्फ़ जरूरतमंद ग़रीबों के लिए आरक्षण की व्यवस्था हो। उन्होंने सरकार से यह भी माँग की कि आजकल जिस प्रकार से कुछ अवांछनीय तत्वों द्वारा ऐतिहासिक पुरुषों के इतिहास के साथ छेड़-छाड़ की जा रही है उसको रोक कर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाँच की जाए।

इस अवसर पर महासभा की पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आठ विश्व रिकॉर्ड धारक ग्रुप कैप्टन डॉ जय पाल सिंह चौहान ने भी सम्बोधित किया तथा विशेष रूप से अयोध्या पीठाधीश्वर बालमुकुंदाचार्य, धर्म पाल नेगी, रामदयाल नेगी, मानसिंह मेहता, भागसिंह सिंह चंदेल, भगत शास्त्री, मनोहर सिंह चंदेल, मनीष सिंह भी उपस्थित थे।