हाइब्रिड प्रारूप में शुरू हुआ ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट का सातवां संस्करण।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।दिल्ली

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट का सातवां संस्करण आज नई दिल्ली में हाइब्रिड प्रारूप में शुरू हुआ। तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन भू-प्रौद्योगिकी पर भारत का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है, और इसकी सह-मेजबानी विदेश मंत्रालय और कार्नेगी इंडिया द्वारा की जाती है। इस वर्ष के शिखर सम्‍मेलन का विषय 'प्रौद्योगिकी की भू-राजनीति' है। शिखर सम्मेलन में 50 से अधिक पैनल चर्चाओं, मुख्य भाषणों, पुस्तक विमोचन और अन्य कार्यक्रमों में 100 से अधिक वक्ता भाग लेंगे।

शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने जियो-डिजिटल और इसके प्रभावों पर बोला। विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने कहा कि किसी को भी यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी तटस्थ है और कहा कि भारत प्रौद्योगिकी के बारे में अज्ञेयवादी नहीं रह सकता क्योंकि इसके साथ मजबूत राजनीतिक अर्थ जुड़े हुए हैं।

विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि तीन दिनों के दौरान, प्रौद्योगिकी, सरकार, सुरक्षा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप, डेटा, कानून, सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, शिक्षाविदों और अर्थव्यवस्था में दुनिया के अग्रणी दिमाग, इसका भविष्य और प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा करेंगे। अमेरिका, सिंगापुर, जापान, नाइजीरिया, ब्राजील, भूटान, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुनिया भर से 5000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में प्रतिभागी जीटीएस समिट वेबसाइट और कार्नेगी इंडिया के यूट्यूब और सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से बातचीत में शामिल होंगे।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)