श्रीकृष्ण की भक्ति ही परम धर्म है:पूज्य बापूजी चिन्मयानंद।


 

आवश्यकताओं को पूर्ण करने की जिम्मेदारी परमात्मा स्वयं लेते हैं:पूज्य बापूजी।
हिन्दुस्तान वार्ता।
विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट आगरा इकाई/द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आज पीएस गार्डन ग्वालियर रोड रोहता पर पूज्य बापूजी चिन्मयानंद महाराज जी के श्रीमुख से राजा परीक्षित व सुखदेव संवाद कथा प्रसंग का श्रवण किया,जिसमें पूज्य श्री चिन्मयानंद बापूजी महाराज ने कहा कि जिसके मन में ईर्ष्या होती है वह भागवत का अधिकारी नहीं है जब तक पड़ोसी से या अन्य किसी से जलन है तब तक आपको फल प्राप्त नहीं होगा, एक बार नारद जी ने सोचा कि देखते हैं कि ब्रज के लोग कन्हैया को इतना प्यार क्यों करते हैं तो नारद जी वृंदावन में भ्रमण करने लगे तो नदी के जमुना के किनारे देखा एक गोपी पानी भरने गई और वह ध्यान मुद्रा में है यह देख नारद जी ने उस गोपी को दंडवत किया तब उस गोपी ने बताया कि कन्हैया तो दिल में आकर बैठ जाता है। यह उसी का प्रभाव है ऐसा बताते हुए पूज्य बापूजी ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता को पूर्ण करने की जिम्मेदारी परमात्मा स्वयं लेते हैं।
एक बार की बात है नारद जी को धरती पर विचरण करते समय एक भिखारी मिला तो उन्होंने उस पर दया करते हुए उससे कहा कि मैं तुझे इतना धन दिलवा देता हूं कि आगे से तुझे भिक्षा की आवश्यकता नहीं होगी और उसको कुबेर जी के पास भेज दिया। कुबेर जी ने अपने सैनिकों से उसका पात्र भरने को कहा जिस पात्र में भरते भरते कुबेर जी का खजाना भी खाली हो गया। अंत में पता चला कि वह पात्र पात्र नहीं मानव की खोपड़ी है। इसीलिए कहते हैं कि मानव की कभी इच्छा पूर्ति नहीं होती।
देना हो तो दीजिये जन्म जन्म का साथ मेरे सर पर रखदो बनबारी अपने ये दोनों हाथ......
 कथा को श्रवण कराते हुए पूज्य बापूजी ने व्यासपीठ से एक प्रसंग बताया कि राजा परीक्षित को जब पता चला कि उनके पास केवल 7 दिन शेष हैं तब सुखदेव जी ने राजा परीक्षित के सर पर हाथ रख दिया तब राजा परीक्षित मुक्त हो गए और भागवत कथा का श्रवण किया, धरती पर आने वाला कोई भी प्राणी अमर नहीं है यह दृण सत्य है।
पूज्य राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद जी महाराज ने विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट ने सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर निर्धन कन्याओं के विवाह, बच्चों की पढाई की उच्चकोटि की व्यवस्था, गौ सेवा के लिए हरिद्वार में विशाल चिन्मयानंद गौशाला का संचालन, साधु सन्यासियों के भोजन के लिए चिन्मय धाम अन्न क्षेत्र, व वृक्षारोपण जैसे अनेक प्रकल्प विश्व कल्याण मिशन के माध्यम से चलाए जा रहे हैं।
 आज कथा में पूज्य बापूजी ने कहा कि मन को रोकने का प्रयास करना चाहिए ऐसा सब अष्टांग योग प्राणायाम से कर सकते हैं। प्राणायाम सभी को करना चाहिए, संप्रदाय व जाति भाव से ऊपर उठकर अष्ठांग योग करने चाहिए तथा उन्होंने कहा कि भारतीय भोजन दुनिया के सभी भोजन में श्रेष्ठ है।
 पूज्य बापूजी के स्वागत में सुनील विकल जी ने मुख्य अतिथि के रूप में माल्यार्पण किया तथा भागवत जी का पूजन किया।
  मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मुरारीलाल गोयल जी ने कहा कि कल कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव होगा सभी माताएं बहिनें व बंधु जन्मोत्सव का आनंद लें,कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होगी।
 आज की इस कथा में पधारे सभी भक्तों ने श्रीभागवत जी को प्रणाम किया, कार्यक्रम में मुख्य भूमिका में विश्व कल्याण मिशन के मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमान मुरारी लाल गोयल पेंट तथा श्रीमती सुमन गोयल, मुख्य यजमान श्री विनोद गोयल जी श्रीमती संगीता गोयल, सर्वव्यवस्था प्रमुख भिक्की लाल गर्ग, हार्दिक गोयल, धीरज गोयल, तथा दैनिक यजमान के रूप में श्री राजीव गुप्ता, श्रीमती रश्मि गुप्ता, श्रीमती नीलम गुप्ता, श्री शेर बहादुर सिंह सिकरवार, श्रीमती राधा देवी, श्री दिलीप सिंह भदोरिया जी,  कुमारी अंजली कौशल, श्री प्रमोद उपाध्याय, श्रीमती सीमा उपाध्याय रहे।
 कथा में उपस्थित श्री रविंद्र सिंह चौधरी जी पीएस गार्डन,श्री दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, जी ठाकुर राजवीर सिंह, वीरेंद्र प्रधान, शैलेंद्र भैया, एडवोकेट दिनेश गर्ग, रमेश बघेल, सत्येंद्र पाराशर दीपक मंगल,  कल्याण दास मंगल, जय भोले, डॉक्टर पीके मिश्रा जी,ऋषि गुप्ता जी, संजय गुप्ता,  गब्बर चौधरी, अविरल विनीता कुलश्रेष्ठ, डॉ रोशनी यादव, हरिओम मंगल, श्रीमती विरमा देवी, सतीश गर्ग, साथ ही श्री मयंक वैध जी (निजी सचिव) ने संचालन किया, व्यवस्थाओं में राकेश मंगल, बंटी भाई, विकास गोयल, संजय सिंघल, मोहित बंसल, सौरभ उपाध्याय, पूजा अग्रवाल, दीपक कुलश्रेष्ठ, श्रीमती विनीता कुलश्रेष्ठ, श्रीमती मीना राणा का सहयोग रहा, पूजन में आचार्य श्रीराम शास्त्री जी ने योगदान दिया।