उच्चन्यालय व शासनादेशों का उलंघन करने वाले विद्यालयों पर आखिर कार्यवाही कब:टीम पापा।

 


सड़क पर संघर्ष को विवश कर रहें हैं निजी विद्यालय:मनोज शर्मा।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा प्रोग्रेशिव एसोशिएशन ऑफ पेरेंट्स (टीम पापा) की बैठक शहीद स्मारक संजय पैलेस पर हुई।

बैठक में अभिभावक हित मे चिंतन करते हुए संस्था संरक्षक मनोज शर्मा ने कहा, कि मा0 उच्च न्यायालय ने जनपद आगरा की जनहित याचिका संख्या 1196/21 पर 6 जनवरी 2023 को, आगरा जनपद के निजी विद्यालयों को 2 माह में सत्र 2020-2021 के वार्षिक शुल्क में से अभिभावकों को 15% प्रतिशत शुल्क वापिस करने के आदेश दिये है।

 मा0 न्यायालय ने ये भी आदेश किया था कि जिन छात्र /छात्राओं ने विद्यालय छोड़ दिया है,निजी विद्यालय उनका भी शुल्क वापिस करेंगे,जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने शासन आदेश भी जारी कर दिया था, आदेश को तीन माह बीत जाने के बाद भी आगरा के प्रशासन, शिक्षा विभाग द्वारा शुल्क वापिस न करने वाले विद्यालयों पर अब तक कोई कार्यवाही नही कर रहे है।

 संस्था ने इसकी शिकायत पहले भी जिलाधकारी महोदय ,जिला विद्यालय निरीक्षक से की थी। मगर विभाग अभिभावकों के हक में 15 प्रतिशत शुल्क वापिस दिलवाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है, जिससे अभिभावकों को उनका शुल्क बापिस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

जिला व शिक्षा प्रशासन का ये उदासीन रवैया अत्यंत चिंतनीय व खेदजनक है।

 जनपद के तमाम बड़े छोटे निजी विद्यालय अनेक बहाने बनाकर अभिभावकों को भ्रमित कर रहे हैं।

 संस्था पूछना चाहती है कि ऐसे विद्यालय जो शुल्क वापिस नही कर रहे।

 मा0 उच्च न्यायलय व उत्तर प्रदेश सरकार के शासन आदेश का खुल्लमखुल्ला उलंघन कर रहे है।

उनके खिलाफ प्रशासन, शिक्षा विभाग कार्रवाई क्यों नही करता?

शैक्षिक सत्र 2020-21 के सालाना शुल्क में से 15 प्रतिशत शुल्क वापिस लेना  न्यायालय व सरकार के शासनादेश के बाद अभिभावक का अधिकार बन गया है। उसे बापिस न कर, निजी विद्यालय अभिभावकों को उनके अधिकार से वंचित करने के कुत्सित प्रयास के कारण, वे अभिभावकों को सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर कर रहे हैं।

पापा संस्था की जानकारी में आया है कि आगरा जनपद के एक बड़े विद्यालय ने अभिभावकों से कहा है कि उनका विद्यालय दिल्ली से संचालित होता है।

 उस पर जनपद शिक्षा विभाग के व प्रदेश में लागू उच्च न्यायालय अथवा प्रदेश सरकार के नियम लागू नही होते , जो अत्यंत ही शर्मनाक और सरकार को चुनौती है।

बैठक में प्रमुख रूप से प्रवीन सक्सेना, अरुण मिश्रा, अमर सिंह सेंगर, दीपक वर्मा, शोभित जेतली, आदि मौजूद रहे ।