पंडित विजय शंकर जी मेहता ने प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल आगरा में परवरिश एवं प्रगति पर दिए व्याख्यान।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल अपने छात्रों के शैक्षणिक विकास का तो ध्यान रखता ही है, साथ ही उनके आध्यात्मिक , शारीरिक एवं व्यक्तित्व को विकसित करने के दायित्व का भी पूर्णतः निर्वहन करता है। इसी ध्येय के दृष्टिगत विद्यालय प्रबंधन  द्वारा गुरुवार, दिनांक 27 जुलाई, 2023 को"परवरिश एवं प्रगति"विषय पर 

आध्यात्मिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य देश के भावी कर्णधारों को उनके लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित करना है। 

 विद्यालय के निदेशक डॉ.सुशील गुप्ता, श्री श्याम बंसल, श्रीमती सुनीता गुप्ता,श्री शलभ गुप्ता, प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव एवं मुख्य समन्वयक संजय शर्मा ने परमश्रद्धेय पंडित विजय शंकर मेहता जी का पुष्प माला पहनाकर अभिननंदन किया । 

आध्यात्मिक वर्षा में अपने तन-मन को भिगोना ही अद्भुत अनुभव होता है। कथावाचक परमश्रद्धेय पंडित विजय शंकर मेहता जी अपने व्याख्यानों के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

मेहता जी अनुभवी अध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने विभिन्न धार्मिक और ध्यान पथों पर अपने ज्ञान के अनमोल वचनों से प्रिल्यूड के परिसर को आनंदित कर दिया। 

उन्होंने वर्तमान समय में बदलते जीवन मूल्यों एवं शैली में अभिभावकों को उनके बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित अनेक प्रश्नों एवं समस्याओं के निराकरण में सहायक पेरेंटिंग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है।अतः अपने गुरु के प्रति  सदैव आदर भाव रखना चाहिए।

 माता -पिता के समान अन्य कोई भी हितैषी नहीं होता। संतान को हमेशा अपने माता-पिता पर गर्व करना चाहिए, क्योंकि माता- पिता अपनी संतान को सर्वोच्च शिखर पर पहुँचाने एवं कुसंग से बचाने के लिए हर संभव प्रयत्न करते हैं। 

उन्होंने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान (मैडिटेशन) करने पर विशेष बल दिया। विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि सुबह और शाम ध्यान अवश्य करना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और एकाग्रता विकसित होती है। स्मरण शक्ति में वृद्धि और एकाग्रता होने से विद्यार्थी अपने जीवन लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

 धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को उन्होंने विद्यार्थी के जीवन संदर्भ में भली-भाँति परिभाषित किया। विद्यार्थियों के लिए सबसे बड़ा धर्म अपने ज्ञानार्जन के लक्ष्य को पाने के लिए हर पल का ईमानदारी से निर्वहन करना बताया। उन्होंने कहा कि  विद्या अध्ययन के बाद अर्थ का अर्जन ईमानदारी और मेहनत के साथ करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में काम-वासना की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए। कुसंग से दूर रहना, दुर्गुणों से मुक्ति पाना ही मोक्ष है।

उन्होंने अपने व्याख्यानों के द्वारा सभी को आध्यात्मिक ज्ञान,मेधावी दृष्टिकोण, ध्यान और जीवन के उद्देश्य के बारे में अनमोल संदेश दिया। उन्होंने बताया कि अध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से हम आत्मा के साथ जुड़कर अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बना सकेंगे। जीवन में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि ऊर्जा के स्त्रोत पुंज हनुमान चालीसा के निरंतर पाठ करने से मनुष्य को जीवन में शांति का अनुभव होता है। व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेता है।

उनके विचारों और उपदेशों के श्रवण से  जीवन को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे व्यक्ति स्वयं को और अपने  साथियों को समझने में सक्षम होंगे। इस पावन अवसर पर  सभी को असीम आनंद की अनुभूति हुई।

विद्यालय के निदेशक डॉ.सुशील गुप्ता ने कहा कि  हम सभी को आपके व्याख्यान को सुनने का सौभाग्य मिला। आपके अद्भुत अनुभव और आध्यात्मिक ज्ञान से हम सभी लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि यहाँ प्राप्त हुई शिक्षाओं का सभी अपने दैनिक जीवन में अनुपालन करेंगे,ऐसा हमारा विश्वास है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका बबिता रानी ने किया।