सरकार!व्यापारियों को वर्ष 2017-18 के जारी,जीएसटी नोटिसों को तत्काल निरस्त करे:आगरा मण्डल व्यापार संगठन।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। आगरा मण्डल व्यापार संगठन ने वित्तमंत्री भारत सरकार एवं जीएसटी कमिश्नर उत्तर प्रदेश को एक पत्र लिखकर व्यापारियों को वर्ष 2017-18 में जारी नोटिसों की छोटी-छोटी त्रुटियों को नजरअंदाज करते हुए नोटिसों को निरस्त कर उनके केस समाप्त करने की मांग की है।

आगरा मण्डल व्यापार संगठन के पदाधिकारियों-सदस्यों ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा जल्दबाजी में 1 जुलाई 2017 से पूरे भारतवर्ष में जीएसटी लागू किया गया था, लेकिन उस

 समय व्यापारियों व अधिकारियों को संपूर्ण जानकारी न होने के कारण वर्ष 2017-18 के बीच काफी छोटी-छोटी त्रुटियां हो गई है तथा जीएसटी के पोर्टल में भी कुछ खामियां थी, इसकी प्रामाणिकता इस बात से होती है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी में लगभग 68 बार संशोधन किए गए हैं, जिसके कारण वर्तमान में जीएसटी अधिकारियों द्वारा छोटी-छोटी त्रुटियों होने के कारण काफी संख्या में व्यापारियों को नोटिस इशू किए जा रहे हैं ,जिससे व्यापारी बंधु काफी आर्थिक व मानसिक तनाव महसूस कर रहे हैं।

जबकि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने एवं रोजगार सृजन करने में व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

संगठन के व्यापारी नेताओं ने यह भी कहा कि कुछ दिन पूर्व ही जीएसटी विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी करके आईटीसी के संबंध में प्रावधान किया गया है कि आईटीसी का लाभ प्रत्येक माह केवल उसी राशि का दिया जाएगा जो कि जीएसटीआर 2ए में प्रदर्शित होगी,जबकि बहूत से व्यापारियों द्वारा अपने जीएसटीआर-1 तिमाही रूप में दाखिल किए जाते हैं। अतः मासिक जीएसटीआर-3बी दाखिल करने वालों को त्रैमासिक रूप से जीएसटीआर-1 दाखिल करने वाले व्यापारियों से की गई खरीद पर आईटीसी का लाभ प्रत्येक माह नहीं मिल पा रहा है जो कि अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है, जिससे व्यापारियों को आर्थिक, मानसिक रूप से काफी परेशानी हो रही है और इस प्रकार व्यापारियों को उत्पीड़न किया जा रहा है।

आगे उन्होंने ने कहा कि पिछले दो-तीन साल तो कोरोना के कारण व्यापारियों के व्यापार-धंधे चौपट गए थे,इसके बावजूद व्यापारियों की मानसिकता इतनी अच्छी है कि वह सरकार को टैक्स जमा करने के लिए उत्साहित है। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि पिछले कुछ सालों में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर रहा है।

मांग करने वालों में संगठन के सर्वश्री पवन बंसल, त्रिलोक चंद शर्मा, राजेश गोयल, चरणजीत थापर, अरविंद बंसल, राकेश यादव, मनोज अग्रवाल,राजकुमार अग्रवाल, प्रकाश अग्रवाल, चरणजीत टिम्मा,रिंकू अग्रवाल, गुरदयाल सिंह बेदी, इंद्रजीत डाबर, दर्शन सिंह सिकरवार, केपी सिंह, के.के गर्ग, विनय दोनेरिया, मेघराज लाड़कनी, सुनील कनौजिया,दिलीप अग्रवाल, रमाशंकर अग्रवाल, नवीन कुमार, आनंद कुमार, रितेश जैन, अशोक अग्रवाल, अरुण कुमार गोयल, सुशील अग्रवाल, राहुल गुप्ता, राजीव गुप्ता, अखिलेश कुमार गुप्ता, रमाशंकर शर्मा एडवोकेट, वीरेंद्र गुप्ता आदि प्रमुख हैं।