जलसा आमद-ए-नूर सम्पन्न।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:जलसा आमद-ए-नूर,12 अक्टूबर को दरगाह हजरत सय्यदना शाह अमीर अबुल उला रह. पर हुआ। जिसमें जुरे सरपरस्ती पीर-ए-तरीकत हजरत सय्यद मोहतिशम अली शाह अबुल उलाई सज्जादानशीन की जेरे निगरानी में हुआ। इस जलसे में भिन्न-भिन्न उलमाओ ने हज़रत अहमद मुस्तफा सरकार दो आलम के जीवन पर रौशनी (प्रकाश) डाला और लोगों को उनके बताए हुए रास्ते पर चलने की हिदायत दी,जिसमे मौलाना जनाब अब्दुल वहाब साहब ने कुरआन पाक की तिलावत की और मुफ्ती मुदस्सिर खान कादरी साहब जनाब मसरूर कादरी साहब मुफ्ती सुलेमान रजा मन्त्री साहब, अरशद रज़्वी साहब (फिरोजाबाद), मौलाना जहाँगीर आलम, मो आदिल रजा साहब, मौ सैफ रजा कादरी साहब ने हज़रत अहमद मुस्तफा सरकारे दो आलम के जीवन पर रोशनी (प्रकाश) डाली। 

हुजुरे पाक (सल ) की विलादत पर ईद मीलादुनवी को बड़े जौको शौक के साथ क्यों मनाया जाता है, दरगाह के नायब सज्जादानशीन ने फरमाया के हुजुरे अकरम (सल) की रहमतुल आलमीन पूरे आलम को हिस्सा मिला इन सभी को तो मिला ही चरिन्दों परिन्दों जिन्नों मलायका को भी मिला वाल्देन की एहमियत बच्चों की जिम्मेदारी बताई जाहीलियत के दौर को बदलकर तमाम आलम के लोगों की जिन्दगी जीने का शअर दिया । 

वमा अरसलना का इल्ला रहमतुल आलमीन' वो (सल) तमाम आलम के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाए। नाते पाक पड़कर खराजे अकीदत पेश की। जिसमे नायब सज्जादा सय्यद विरासत अली अबुल उलाई नायब सज्जादा सय्यद इशाअत अली अबुल उलाई नायब सज्जादा सय्यद कैफ अली अबुल उलाई सय्यद आसिम अली अबुल उलाई सय्यद शहाब अली, सय्यद अजहर अली सय्यद इकबाल अली, सय्यद अरीब अली ने दरगाह शरीफ में चादरपोशी गुलपोशी और देश में अमन चैन की दुआ की तमाम मुरीदान के साथ और फातिहा के बाद लंगर जारी रहा।

 क्यूं न हम अरशद मनाए ईद मीलाद उन्नबी,दो जहां है रकस फरमा आगदे सरकार पर बहारे दो जहाँ,खुद आमना के घर चली आई। मुबारकबाद देने कह कशां की खुद झड़ी आई।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।