आगरा के इंजीनीयरिंग कॉलेज के बिजली जनरेटर में फंसी सीविट को वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने बचाया।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: एक उल्लेखनीय बचाव अभियान में आगरा के आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज में बिजली जनरेटर के अंदर एशियाई पाम सीविट कैट के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की समर्पित टीम ने आपातकालीन कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सिवेट को सफलता पूर्वक बचाया। जिसे बाद में उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया।

एक अचंभित करने वाली घटना तब सामने आई जब आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टाफ ने कॉलेज परिसर में रखे बिजली जनरेटर के अंदर फंसी सीविट कैट को देखा। जानवर की मदद को लेकर चिंतित,कॉलेज स्टाफ ने तुरंत एनजीओ की आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस से संपर्क साधा।

त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए,वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस से दो सदस्यीय रैपिड रिस्पांस यूनिट कॉलेज परिसर पहुंची। पहुंचने पर,उन्होंने जनरेटर के भीतर फंसे हुए सिवेट का पता लगाया और बचाव अभियान को अंजाम दिया। अत्यंत सावधानी और सटीकता के साथ, टीम ने कुशलता पूर्वक उसे खतरनाक स्थिति से बाहर निकाला।

रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त होने के बाद, एनजीओ के विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम ने सिवेट की सावधानीपूर्वक जांच की,जिसके बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।

 वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स,बैजूराज एम.वी ने कहा,“यह एक बेहद नाजुक ऑपरेशन था, क्योंकि बिजली जनरेटर के भीतर कैद होने के कारण सिवेट का जीवन अधर में लटका हुआ था। हमारी टीम द्वारा समय पर किया गया हस्तक्षेप इस संरक्षित प्रजाति की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहा।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज की घटना एक और उदाहरण है की लोग शहरी वातावरण में रहने वाले वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति और चिंता व्यक्त कर रहे हैं। हमारी रैपिड रिस्पांस यूनिट ऐसे जरूरतमंद जानवरों को बचाने और पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है।

एशियन पाम सिवेट,जिसे टोडी कैट भी कहा जाता है,एक लंबी नेवले जैसा दिखाई देने वाला जीव है,जो विभिन्न प्रकार के आवास और परिस्थिति में जीवित रहता है। यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया का मूल निवासी है और यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची  के तहत संरक्षित है। सिवेट कैट कृंतक आबादी (जैसे कि चूहे) को नियंत्रित करके ईकोसिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं l 

यह प्रजाति बीजों के फैलाव में प्रमुख योगदान निभाती हैं क्योंकि वे अक्सर फल,जामुन और कॉफी बीन्स खाते हैं और उनके बीज गिरा देते हैं।