हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
किसी घटनाक्रम का समाचार प्रकाशित करना और उन्हें पुस्तक के रूप में लिपिबद्ध करना अलग-अलग विधाएं हैं। वरिष्ठ पत्रकार डॉ.भानु प्रताप सिंह इन दोनों विधाओं में सिद्धहस्त हैं। उन्हें अमर उजाला अखबार ने 6 दिसम्बर,1992 का घटनाक्रम कवर करने के लिए अयोध्या भेजा था। वे हर 6 दिसम्बर को अपने अनुभव साझा करते थे। जब 22 जनवरी,20024 को राम मंदिर के उद्घाटन का समय आया तो मैंने ही उन्हें सुझाव दिया कि अपने अनुभवों के आधार पर पुस्तक लिखें। डॉ.सिंह ने अखबार की पुरानी कतरनों और अपने अनुभवों पर पुस्तक की रचना कर डाली। पुस्तक का शीर्षक है-अयोध्या : 6 दिसम्बर,1992 से 22 जनवरी,2024 तक।
अयोध्या में राम मंदिर बना है तो इसके पीछे 6 दिसम्बर,1992 को घटनाक्रम है। एक पत्रकार के रूप में डॉ.भानु प्रताप सिंह ने 6 दिसम्बर,1992 का घटनाक्रम की रिपोर्टिंग की है। 6 दिसम्बर को जान हथेली पर रखकर की गई यह रिपोर्टिंग अपने आप में अभूतपूर्व,अविस्मरणीय और आनंददायक है। लेखक ने स्वीकार किया है कि वह जितना देख पाया,जहां तक पहुंच पाया,उसी आधार पर ‘अयोध्याः 6 दिसम्बर, 1992 से 22 जनवरी, 2024 तक’ पुस्तक की रचना की है। पत्रकारों में किसी भी घटनाक्रम के सूक्ष्म विवेचन की दृष्टि होती है,जो इस पुस्तक में देखने को मिलती है।
पुस्तक में आप पाएंगे :
1990 के राम मंदिर आंदोलन की झलक।
6 दिसम्बर,1992 को अयोध्या में हुई कारसेवा का आँखों देखा हाल।
क्या भगवान राम के भक्त हनुमान जी ने भी 6 दिसम्बर को कार सेवा की थी, इस प्रश्न का उत्तर पुस्तक में है।
दो सरदार जब लेखक की जान लेने पर उतारू थे तो पत्रकारीय बुद्धि से बचने की तरकीब।
1990 के बाद की पीढ़ी को राम जन्म भूमि को मुक्त कराने के लिए हुए 77वें युद्ध की सटीक जानकारी।
आरएसएस ने बाबरी ढांचा को बचाने की योजना बनाई थी लेकिन लाखों कारसेवकों के आगे एक न चली।
22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन के समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज और दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ डॉ.मोहन भागवत का संपूर्ण भाषण।
चित्रों से सुसस्जित यह पुस्तक रोचक, ज्ञानवर्धक ही नहीं, एक ऐतिहासिक दस्तावेज है।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन ने कहा है- “मैं यही कहूंगा कि,वही मेरा सबसे अच्छा दोस्त है, जो मुझे ऐसी किताब दे जो आज तक मैंने न पढ़ी हो।”अयोध्या : 6 दिसम्बर, 1992 से 22 जनवरी, 2024 तक ऐसी ही पुस्तक है।
इस पुस्तक को यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं :
www.drbhanupratapsingh.com
पुस्तक का नामः अयोध्या : 6 दिसम्बर,1992 से 22 जनवरी, 2024 तक,
लेखकः डॉ.भानु प्रताप सिंह
मूल्य : 349 रुपये मात्र।
पृष्ठ : 128
समीक्षक : सुनीत कुलश्रेष्ठ आलोक