इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद के 128वें जन्मोत्सव पर भक्तों ने किया अभिषेक,लीलामृत का किया श्रवण
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंचगव्य व पंचामृत से आज सैकड़ों भक्तों ने श्रील प्रभुपाद जी की प्रतिमा का अभिषेक किया। कमला नगर स्थित इस्कॉन मंदिर (श्रीजगन्नाथ मंदिर) में आज श्रील प्रभुपाद जी के 128वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में व्याज पूजा महोत्सव का आयोजन भक्तिभाव के साथ किया गया,जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया।
इस शुभ घड़ी में संकीर्तन व महाआरती का भी आयोजन किया गया। इस्कॉन आगरा के अध्यक्ष अरविंद स्वरूप प्रभु जी ने श्रील प्रभुपाद लीलामृत के माध्यम से भक्तों को लीलाओं के माध्यम से प्रभुपाद जी के संघर्ष का विस्तृत वर्णन किया। बताया कि किस तरह से प्रभुपाद जी ने इस्कॉन की स्थापना की और उसमें क्या परेशानियां आई। कार्गो शिप से 40 दिन की अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें दो बार हृदयाघात भी हुआ। परन्तु श्रीहरि की कृपा से प्रभुपाद जी ने बिना अर्थ के इतनी बड़ी संस्था खड़ी कर दी। आज पूरे विश्व में इस्कॉन के पांच हजार केन्द्र हैं। विश्व में दिक्षित भक्त 20 लाख और अनुयायी 50 करोड़ हैं। श्रीहरि के प्रति प्रभुपाद जी की भक्ति थी कि आज इस्कॉन विश्व में भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रचार कर रहा है।
इस अवसर पर अखिलेंद्र योगी ने बताया कि श्रील प्रभुपाद का जीवन हमें कभी हार न मानने और हमेशा कृष्ण के चरणों में समर्पित रहने की शिक्षा देता है। इन्हीं गुणों के कारण श्रील प्रभुपाद ने न केवल दुनिया को सनातन धर्म के महत्व के बारे में बताया,बल्कि एक ऐसा संगठन भी स्थापित किया,जहां हर जाति,धर्म और क्षेत्र के लोग शांतिपूर्वक रह सकें और भगवान कृष्ण से जुड़ सकें। श्रील प्रभुपाद विश्व शांति,वैश्विक नैतिकता और करुणा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त को इस साल आगरा में भगवान जगन्नाथ की स्थापना की 14वीं वर्षगांठ है। आगरा मंदिर का इतिहास भी श्रील प्रभुपाद से प्रेरित है। शुरुआती संघर्षों और उतार-चढ़ावों के बावजूद,आगरा में कई लोग अब इस्कॉन से जुड़े हैं और आज समर्पित भाव से भगवान जगन्नाथ की सेवा कर रहे हैं। इस्कॉन ने आगरा में "फूड फॉर लाइफ" और गोरक्षा गोशाला जैसी मानवीय सेवाएं भी लागू की हैं। वर्तमान मंदिर अध्यक्ष अरविंद स्वरूप प्रभुजी ने अपने कठिन परिश्रम से आगरा के लोगों को भगवान जगन्नाथ से जुड़ने और मानव जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया है। हमें उनके योगदान के लिए बहुत आभारी होना चाहिए और उन्होंने निश्चित रूप से श्रील प्रभुपाद और भगवान जगन्नाथ को प्रसन्न किया है।
आयोजन में मृदंग मंजीरों पर हरे राम..., हरे कृष्णा...संकीर्तन पर भक्तों ने खूब आनंद लिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शैलेन्द्र अग्रवाल, कामता प्रसाद अग्रवाल,राहुल बंसल,सुनील मनचंदा,सुशील अग्रवाल,संजीव बंसल, संजय कुकरेजा, राजेश उपाध्याय,ओमप्रकाश अग्रवाल,शैलेश बंसल, राजीव मल्होत्रा, शाश्वत नन्दलाल, सूरज, विकास बंसल आदि उपस्थित थे।