हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : 20 अगस्त,आगरा के हर वर्ग के संभ्रांत नागरिकों ने शहीद स्मारक पर एकत्र होकर,एकजुटता के साथ अपनी डॉक्टर बेटी को न्याय दिलाने की आवाज़ बुलंद की।
इसमें कोई संस्था नही,बैनर नही,सेल्फी नही,मोमबत्ती नही,आंसू नही थे। कोई धर्म,कोई सम्प्रदाय,कोई मज़हब नही था।अगर कुछ था तो हर किसी के चेहरे पर गुस्सा और हाथ मे न्याय की गुहार लिए तख्ती। इसमें ट्रांसजेंडर समुदाय,किन्नर समुदाय,एसिड अटैक सर्वाइवर्स और वो सब उपस्थित हुए,जिनके दिल मे उस बच्ची के लिए दर्द था। सभी का कहना था कि कानून व्यवस्था में बदलाव लाया जाए और बलात्कार के मामलों में तुरंत कार्यवाही हो। फांसी से कम सज़ा मंज़ूर नही होगी, क्योंकि किसी नारी की अस्मत इतनी सस्ती नही है कि कही भी कभी भी उस पर हाथ डाल दिया जाए।
बेटियां बचानी हैं, पढ़ानी हैं तो उनकी सुरक्षा भी करनी है।
कार्यक्रम के अंत मे 2 मिनट का मौन रख डॉ.बेटी को श्रद्धांजलि दी गयी।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे,जिसमें उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर बोर्ड की सदस्य देविका मंगलामुखी,वत्सला प्रभाकर,शीला बहल,नम्रता मिश्रा,आभा चतुर्वेदी,निधि चतुर्वेदी,सुनील विकल,आनंद राय,नितिन जोहरी,डॉ जे.एन. टंडन, रुकैया, मानिनी, आशीष, चेतवानी, सुनील जैन, अदिति, वंदना, नरोत्तम शर्मा, रुनु, सुनील स्वतंत्र, अमित,समी अघाई, ज़ाकिर, बग्गा जी, लालाराम तेनगुरिया, कुमुद पांडे, ऋतु गोयल, रुचिता, श्रुति सिन्हा,अनिता, विनीता जादौन,आर के कपूर, पैंसई थॉमस,वसीम कलाम,नम्रता मिश्रा,गौरव गुप्ता, रचना कपूर, विजय कपूर, ऋचा पंडित आदि प्रमुख थे।
रिपोर्ट - असलम सलीमी।