हिन्दुस्तान वार्ता।डॉ.गोपाल चतुर्वेदी
वृन्दावन।रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान (रजि.) के द्वारा ब्रज विभूति परिव्राजकाचार्य स्वामी ब्रजरमणाचार्य महाराज व विद्वत शिरोमणि भागवत भूषण आचार्य पीठाधिपति स्वामी किशोरीरमणाचार्य महाराज की पावन स्मृति में चल रहे,सप्त दिवसीय 48वां श्रीमद्भागवत जयंती एवं श्रीराधाष्टमी महोत्सव में वामन जयंती का पर्व अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया। जिसके अंतर्गत वामन भगवान की अत्यंत मनोहारी झांकी सजाई गई।साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य उनका पूजन-अर्चन किया गया।
इस अवसर पर आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर भागवत प्रभाकर मारुति नंदनाचार्य "वागीश" महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के संरक्षण में ब्राह्मण आवश्यकता पड़ने पर भगवान वामन की तरह अपना विराट रूप भी ले सकता है और सनातन वैदिक संस्कृति के विकास ,उत्थान के लिए सरल होकर वामन की तरह बौना यानी छोटा भी हो जाता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि पृथ्वी को राक्षसों से बचाने के लिए भगवान विष्णु ही माता अदिति के गर्भ से वामन बन कर प्रगटे थे।भगवान वामन यदि उस युग में पृथ्वी की रक्षा नही करते तो, वर्तमान में ये समूची पृथ्वी केवल और केवल राक्षसों के ही आधीन होती।
महोत्सव के व्यवस्थापक युवराज श्रीधराचार्य महाराज ने बताया कि जयंती महोत्सव का विश्राम विराट संत-विद्वत सम्मेलन के साथ 17 सितंबर (अनंत चतुर्दशी) को होगा।जिसमें राष्ट्रीय संत सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज,जगद्गुरु कार्ष्णि स्वामी गुरुशरणानंद महाराज, साध्वी रितंभरा "दीदी मां", जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज, संत विजय कौशल महाराज, जगद्गुरु स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज एवं स्वामी गोविंदानंद तीर्थ महाराज आदि के अलावा कई प्रख्यात संत-महापुरुष एवं विद्वान भाग लेंगे।इसके अलावा आयोजन के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।साथ ही प्रवचन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरुस्कृत किया जाएगा।
महोत्सव में पंडित बिहारी लाल शास्त्री, डॉ. रमेश चंद्राचार्य विधिशास्त्री,डॉ.रामदत्त शास्त्री,आचार्य राम शास्त्री, डॉ. आनंद त्रिपाठी, पंडित ब्रजेश चौबे, आचार्य देवेंद्र शास्त्री,आचार्य विष्णुकांत, पंडित संतोष पाराशर आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।