श्रीकृष्ण लीला शताब्दी महोत्सव के दसवें दिन हुआ, अक्रूर गमन और " कंस वध " का भव्य मंचन,आतिशबाजी के साथ जला कंस का पुतला

70 फुट ऊँचा कंस धूं धू कर जल उठा,आतातायी का संहार देख गूंज उठे जय श्रीकृष्ण के जयकारे

20 तरह की आतिशबाजी से प्रकाशित हो उठा श्रीकृष्ण गौशाला परिसर 

श्रीकृष्ण लीला समिति सौ वर्षों से निरंतर कर रही है श्रीकृष्ण लीला महोत्सव का आयोजन 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। कंस का वध कर,काल जन्मे मदन गोपाल,करने जग का उद्धार, लिए विष्णु जी अवतार…द्वापर के समस्त आतातायियों का काल बनकर अवतरित हुए श्रीकृष्ण जी ने जैसे ही अपने मामा कंस पर मृत्यु रूपी प्रहार किया, समस्त गौशाला परिसर जय श्रीकृष्ण के जयघोष से गुंजायमान हो गया। 

बल्केश्वर स्थित गौशाला में श्रीकृष्ण लीला समिति द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव में गुरुवार को कंस वध हुआ। मंचीय लीला के बाद मुख्य अतिथि एमएलसी विजय शिवहरे ने श्रीकृष्ण के स्वरूप प्रदीप कृष्ण ठाकुर जी के साथ कंस के 70 फुट ऊँचे पुतले में अग्नि लगायी। जैसे−जैसे अग्नि ने अपना विकराल रूप लिया कंस काल के गाल में समाता गया। 20 तरह के विभिन्न आतिशबाजियों के साथ जय श्रीकृष्ण, राधे राधे, श्रीकृष्ण लीला समिति लिखी आतिशबाजी मंत्रमुग्ध करती रही। बंदायू के अशफाक ने आकर्षक आतिशबाजी आयोजित करने की परंपरा का विगत वर्षाें की भांति निर्वाहन किया।

इससे पूर्व लीला में दिखाया कि राजा कंस ने अपने भांजे श्रीकृष्ण का वध करने के लिए कागासुर, बकासुर, नागासुर आदि राक्षसों को भेजा,लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने सभी का वध कर दिया। नारद जी ने कंस के दरबार में पहुंचकर श्रीकृष्ण को मथुरा बुलाने की सलाह दी। इसके बाद कंस ने अक्रूर जी को ब्रज भेजा। श्रीकृष्ण को लेकर मथुरा गमन का दृश्य देख हर श्रद्धालु स्वयं को गोपियों की विरह से पीड़ित सा अनुभव कर रहे थे। श्रीकृष्ण और बलराम मथुरा पहुंचे। मथुरा पहुंचते ही अपने भक्तों के उद्धार के लिए भगवान सलंग्न हो गए। रजक वध, दर्जी पर कृपा,कुवलिया पीड़ हाथी मोक्ष, धनुष भंग, अखाड़े में प्रवेश, चाणूर और मुष्टिक उद्धार एवं अंत में मल्ल युद्ध के दौरान कंस वध की लीला। कंस वध होते ही पंडाल में श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी के जयकारे गूंजने लगे। इसके बाद श्री उग्रसेन का राज्याभिषेक एवं वासुदेव एवं देवकी की कारागृह से मुक्ति हुई। 

आतिशी फुहारे,आकाश से गिरते सितारे भी मनमोहक रहे। आतिशबाजी होते ही कंस के पुतले के पास भीड़ एकत्र हो गई। भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप ने अग्नि बाण से पुतले में आग लगा दी। पहले तो पुतला हंसता हुआ दिखा और बाद में उसके हाथ में लगी चरखी चली और पुतली भी चलती हुई दिखाई दी। थोड़ी ही देर में पुतला जल कर राख हो गया।

 इस अवसर श्री राम लीला कमेटी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल एवं श्रीकृष्ण लीला समिति अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, महामंत्री विजय रोहतगी,अशाेक गोयल, शेखर गोयल,पीके मोदी,प्रवक्ता धर्मेन्द्र कु.चौधरी,ब्रजेश अग्रवाल,ताराचंद मित्तल,संजय गुप्ता,अमित अग्रवाल देवी भक्त,कैलाश खन्ना,विनीत सिंघल,अनूप गोयल,पंकज मोहन शर्मा,गुरु अनंत उपाध्याय,संजीव गुप्ता,अनीस अग्रवाल, आशु रोहतगी,केसी अग्रवाल,गिर्राज बंसल,केके अग्रवाल,संजय चेली, संजय गोयल,मनोज बंसल,विष्णु अग्रवाल,अनुज सिंघल,आदर्श नंदन गुप्ता,विष्णु अग्रवाल राधे राधे,नीरज बंसल,संजय गर्ग बड़े,आशीष रोहतगी,ब्रजेश अग्रवाल,केसी अग्रवाल,कन्हैया लाल,अनिल अग्रवाल, राजीव बिंदी, लक्ष्मण शर्मा,प्रदीप अग्रवाल,अंशुल बंसल,गौरी शंकर गुप्ता,आलोक गोयल,शगुन बंसल,नरेंद्र अग्रवाल,अजय गुप्ता,पंकज शर्मा,मनीष शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।श्रीकृष्ण लीला "यूथ ब्रगेड" के आयुष बंसल,क्षितिज बंसल,तनुराग गोयल,धीरज बंसल आदि व्यवस्था सभांलने में सहायक रहे।


गौशाला के मंदिर में दीपदान :

लीला से पूर्व गौशाला परिसर में बने प्राचीन मंदिर में बैकुंठ चौदस के अवसर पर देव दीपावली,दीपदान करके मनायी गयी। सभी सदस्यों ने सात,11, 21 दीपों की श्रंखला लीला मंचन से पूर्व सजायी। पार्षद पूजा बंसल,सुजाता अग्रवाल, भावना अग्रवाल,कीर्ति गर्ग,महिमा अग्रवाल, ममता बंसल, अंजली बंसल, रेनू गोयल, सोनिया गोयल, राधा गुप्ता, दीक्षा गर्ग, रेनू गर्ग, प्रीति अग्रवाल, पुष्पा गोयल, नीलम अग्रवाल, कीर्ति गोयल, वंदना उपाध्याय, ममता उपाध्याय,मीडिया प्रभारी तनु गुप्ता आदि ने दीपदान किया।

शुक्रवार को श्रीकृष्ण-बल्देव जी भव्य शोभायात्रा :

अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को शोभायात्रा गौशाला, वाटर वर्क्स से 4: 30 बजे शुरू होगी। इसमें धार्मिक,राष्ट्रीय भावनाओं के साथ ज्ञानवर्धक सुंदर 60 झांकियां अपने आकर्षण से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगी। साथ साथ चार बंद,ऊंट,घोड़े, ढोल ताशे आदि चलेंगे। शोभायात्रा जीवनीमंडी, बेलनगंज, कचहरी घाट, छत्ता बाजार, दरेसी नं.2,रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, कसेरट बाजार, किनारी बाजार, सेव का बाजार, फुलट्टी, छिलीईंट घटिया, सिटी स्टेशन रोड,धूलियागंज, पथवारी, बेलनगंज तिकोनिया होती हुई गौशाला वापस आएगी।

लीला प्रांगण में गम्भीर लापरवाही : 

गौशाला प्रांगण जहां श्रीकृष्ण लीला के तहत" कंस का दहन" हुआ।ठीक वहीं R J-14 -U L 1368 नम्बर की एक नई स्कॉर्पियो कार, दो दिन से खड़ी है। इससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था।