स्पेशल ओलंपिक भारत की नेशनल हैंड बॉल चैंपियनशिप का आगरा में शुभारंभ



डॉ.मल्लिका नड्डा ने कहा कि जीवन में सम्मान और समाज में मिले विशेष बच्चों को स्थान 

तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता का जेपी सभागार में हुआ शुभारंभ,विवि के छलेसर परिसर में होंगी प्रतियोगिता 

23 राज्यों एथलीट ले रहे हैं नेशनल हैंड बॉल चैंपियनशिप में प्रतिभाग,मानसिक दिव्यांग बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने की पहल 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। सामान्य लोगों के समाज में असामान्य लोगों की विशेषता और सम्मान को स्थापित करने का सशक्त माध्यम 'स्पेशलओलंपिक भारत'बन रहा है। खेल प्रतिभा विकास के साथ समृद्ध और सक्षम समाज की संरचना की आधारशिला रखने का प्रयास बनकर सामने आ रहा है। स्पेशल ओलंपिक भारत द्वारा आयोजित नेशनल हैंड बॉल चैंपियनशिप के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए, ये कहा स्पेशल ओलंपिक भारत की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की धर्मपत्नी) ने। 

मंगलवार को खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में स्पेशल ओलंपिक भारत द्वारा आयोजित नेशनल हैंड बॉल चैंपियनशिप का आगाज हुआ। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.मल्लिका नड्डा ने ध्वजारोहण एवं भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर चैंपियनशिप समारोह का शुभारंभ किया। 

इस अवसर पर स्वागत अध्यक्ष एवं डॉ.भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.आशु रानी,स्पेशल ओलंपिक भारत के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शुक्ला, स्पोर्टस डायरेक्टर एकता झा,स्पेशल बच्चा हर्षित चौबे भी उपस्थित रहे। 

छलेसर स्थित डॉ.भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय के परिसर में पांच और छह फरवरी को होने वाली हैंड बॉल चैंपियनशिप (महिला एवं पुरुष) में 23 राज्यों के एथलीट प्रतिभाग करेंगे। मानसिक दिव्यांगता वाले खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हैंड बॉल चैंपियनशिप में उनके भीतर के आत्मविश्वास और कौशल को निखारने का प्रयास किया जाएगा। 

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.मल्लिका नड्डा ने कहा कि देश की कुल आबादी के तीन प्रतिशत मानसिक दिव्यांग लोग हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 75 लाख मानसिक दिव्यांग हैं। समाज का बहुत बड़ा हिस्सा समाज से कटा हुआ नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विगत 35 वर्षाें से प्रयास किया जा रहा है कि असामान्य लोगों को सामान्य समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। इसका सबसे सशक्त माध्यम स्पेशल ओलंपिक भारत बन रहा है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से प्रदेश में प्रतियोगिताएं जल्द आयोजित होंगी। 

उन्होंने कहा कि इटली में होने जा रहे वर्ल्ड विंटर गेम में 49 स्पेशल खिलाड़ियों का दल भारत से जा रहा है,जिसमें तीन विशेष खिलाड़ी उत्तर प्रदेश से हैं।जीवन में सम्मान और समाज में स्थान स्पेशल लोगों को मिल सके,यही स्पेशल ओलंपिक भारत का ध्येय है।कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.मल्लिका नड्डा ने स्पेशल बच्चे अरनव कटारिया की पेंटिंग की सरहाना की। 

मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने आयोजन को दिव्य कहा। उन्होंने कहा कि विलक्षण प्रतिभाओं को देखकर हतप्रभ हैं। 

शुभारंभ समारोह स्थल उस वक्त तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा,जब 300 से अधिक स्पेशल एथलिट्स ने एनसीसी कैडेट्स के साथ मार्च पास्ट करते हुए अपने अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व किया और ओलंपिक मशाल को कार्यक्रम अध्यक्ष को सौंपा।  

स्पेशल ओलंपिक भारत के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने बताया कि स्पेशल ओलंपिक भारत एक राष्ट्रीय खेल महासंघ है,जिसका 2001 में भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत पंजीकरण है। इस महासंघ को स्पेशल ओलंपिक्स इंटरनेशनल से मान्यता प्राप्त है। 

उद्घाटन सत्र के अवसर पर सभी खिलाड़ियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया। टीयर्स मंदबुद्धि संस्थान,लव यू जिंदगी द्वारा स्टॉल लगाए गए।एनसीसी कैडेट्स ने कैप्टन शीला बहल के मार्गदर्शन में व्यवस्थाएं संभालीं। मंच संचालन रीनेश मित्तल ने किया।

इन्होंने किया अतिथियों का स्वागत :

कार्यक्रम में स्पेशल ओलंपिक भारत के क्षेत्रीय निदेशक संजीव दोहरे, विश्वविद्यालय के खेलकूद विभाग के निदेशक डॉ.अखिलेश सक्सेना,राजेश जैन,वत्सला प्रभाकर, श्रुति सिन्हा, शीला बहल, संतोष दिवाकर, राजेश जैन, डॉ. वीना कौशिक, निधि जैन, पूजा सक्सेना, मनीष शर्मा, संगीता सागर, डॉ.रीता अग्रवाल, गौरव गुप्ता, प्रमोद पाठक, सीमा, अरुण आदि उपस्थित रहीं। 

इनका किया गया सम्मान :

मानसिक दिव्यांग बच्चों में खेल प्रतिभा का विकास करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने वाले कोच सीमा शर्मा,अरुण सिंह, मनोज सिं, विक्रम सिंह, सत्यनारायण, एपी यादव, पुरजीत सिंह, इंद्रपाल, एजाज को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

दो दिन चलेगा 500 से अधिक खिलाड़ियों का मुकाबला :

पूरे देश के राज्यों की टीमों के साथ करीब 500 से अधिक खिलाड़ी और उनके सहायक व कोच आदि चैंपियनशिप में प्रतिभाग करेंगे। मानसिक दिव्यांग होने के कारण सभी खिलाड़ियों के लिए परिसर में विशेष व्यवस्था की गयी है।