हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : 'हिंदू शांत रहते हैं,इसलिए उन्हें मार दिया जाए,यह कहां का न्याय है ? अब समय आ गया है कि सरकार पहलगाम में हुए हत्याकांड पर कड़ी कार्रवाई करे,और अपने निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या का बदला ले। धर्म पूंछ कर मारा जाना,यह बर्बरता की निशानी है। उक्त उद्गार जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी के हैं।
वे ग्वालियर से आते हुए डॉ.दीपिका उपाध्याय के दयालबाग स्थित आवास पर कुछ समय रुके और मीडिया से मुखतिब हुए। पहलगाम की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 'बार-बार पानी बंद करने की हमारी सरकार की ओर से बात की जाती है। क्या सचमुच यह संभव है? पानी बंद करा देने की धमकी देने से यह आतंकी कार्यवाही बंद नहीं होगी। अच्छा हो कि अब सीधी कार्यवाही की जाए। अपने देश के नागरिकों को हत्या को सहन करना किसी सक्षम देश की निशानी नहीं है। हमें आतंकवादियों का जड़ से दमन करना होगा। तभी लोक कल्याण हो सकेगा।
तदोपरांत स्वामी जी ने अपने निर्माणाधीन आश्रम का अवलोकन किया तथा अपने भक्ति को गौमाता की मूर्ति स्थापना का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर गौमाता का रक्त गिरने से बड़ा कोई पाप नहीं है। सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से गौ हत्या पर रोक लगाए तथा देशी गाय के संरक्षण के लिए उचित नीति बनाए।
उन्होंने भक्तों को आशीर्वाद दिया तथा देसी गाय,जिसे शंकराचार्य जी ने रामा गाय का नाम दिया है,उसके संरक्षण का आह्वान किया। तत्पश्चात दोपहर में वे सड़क मार्ग से हरिद्वार के लिए प्रस्थान कर गए,जहां वे बद्रीनाथ जी तथा केदारनाथ जी के पट खुलवाएंगे।