- नेशनल चैंबर महिला सेल और शी विल संस्था ने आयोजित की एआई : महिलाओं के लिए अवसर और संभावनाएँ,विषय पर कार्यशाला
- विशेषज्ञ ने कहा,तकनीक को अपनाकर महिलाएं बन सकती हैं आत्मनिर्भर उद्यमी,एआई करता है पर्सनल असिस्टेंट का काम
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर्सनल असिस्टेंट की तरह काम करता है,जिसके आपके जीवन में आने से करियर में सफलता बिना समय गंवाए मिल सकती है। एआई की ये सहज और सरल परिभाषा आगरा की उभरती महिला उद्यमियों को बताई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विशेषज्ञ डॉ. तान्या सिंह ने। सोमवार को संजय प्लेस स्थित होटल फेयरफील्ड बाय मैरियट में नेशनल चैंबर इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की महिला सेल और शी विल संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : महिलाओं के लिए अवसर और संभावनाएँ। विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ तान्या सिंह,शी विल संस्था की संस्थापक अध्यक्ष राशि गर्ग,नेशनल चैंबर महिला सेल की चेयरपर्सन डॉ रीता अग्रवाल, नेशनल चैंबर के अध्यक्ष संजय गोयल, संयोजक मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष विवेक जैन, संजय कुमार गोयल, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
राशि गर्ग ने कार्यशाला का विषय रखते हुए बताया कि कार्यशाला का आयोजन तकनीक के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। उद्यमिता के क्षेत्र में स्वयं को स्थापित कर रहीं महिलाओं के लिए एआई आज महत्वपूर्ण हो चुका है।
डॉ.रीता अग्रवाल ने कहा कि तकनीक के समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जितना अहम है उतना ही सावधानी से प्रयोग भी किया जाना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ. तान्या सिंह ने एआई को 'पर्सनल असिस्टेंट' की उपमा दी और बताया कि किस प्रकार यह तकनीक न केवल जीवन को सरल बनाती है, बल्कि व्यवसाय में भी सफलता की संभावनाएं बढ़ाती है। उन्होंने कहा, “एलेक्सा, चैटबॉट्स, डाटा एनालिटिक्स – ये सभी एआई के उदाहरण हैं, जो हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुके हैं।”
डॉ.सिंह ने विशेष रूप से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “महिलाएं खुद ऐप बना सकती हैं, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीख सकती हैं और एआई का इस्तेमाल कर अपने व्यवसाय को एक नई दिशा दे सकती हैं। एआई तब काम करना शुरू करता है, जब आपकी कल्पना सक्रिय होती है।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि एआई का प्रयोग करते समय सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। “कोई भी ऐप आपकी गैलरी में बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता। किसी भी ऐप को इंस्टॉल करते समय उसके नोटिफिकेशन और परमिशन को ध्यानपूर्वक पढ़ें।”
डॉ.तान्या ने कुछ व्यावहारिक एआई टूल्स के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डाटा मैनेजमेंट के लिए क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म्स, बिजनेस एनालिटिक्स टूल्स, ग्राहक संवाद के लिए चैटबॉट, मार्केट रिसर्च हेतु एआई आधारित एप्लिकेशन का उपयोग करें।
उन्होंने महिलाओं को गूगल की बजाय केवल ऑफिशियल ऐप स्टोर्स से ही ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी।
कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं ने जिज्ञासा प्रश्न भी पूछे। कार्यशाला का संचालन कृतिका खन्ना और संयोजन दिव्या गुप्ता और दिशा जैन ने किया। इस अवसर पर कीर्ति, आकृति, पूजा लूथरा, डॉ अंशिका सरकार, कृषिका,रोली रस्तोगी, नव्या खन्ना, डॉ ज्योति, राखी अग्रवाल, पूजा, अदिति, आशिमा, नूपुर, प्रिली जैन, अंकिता, सान्या डाबर, हरमीत चोपड़ा आदि ने सहभागिता की।