शारदा यूनिवर्सिटी आगरा ने बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस'

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : शारदा यूनिवर्सिटी आगरा में 11 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। योग शिविर में 500 से अधिक साधक एकत्रित हुए। शारदा यूनिवर्सिटी आगरा में 9 दिवसीय योग कार्यक्रम चल रहा है, जिसके अंतर्गत दो गांव अरसैना एवं सींघना गोद लिए गए हैं। पांच गांव में शारीरिक द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) लिया गया है। प्रत्येक गांव से 400-500 व्यक्तियो का बीएमआई टेस्ट किया गया है। लगभग 3000 लोगों को शामिल किया गया। सभी को डाइट प्लान वितरित किये गए। प्रत्येक गांव से लगभग 60-65 व्यक्ति स्वस्थ पाए गए। जिनको विश्वविद्यालय द्वारा टी-शर्ट और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए हैं। शारदा यूनिवर्सिटी आगरा की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.)जयंती रंजन ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि ब्रज क्षेत्र की पौराणिकता के आधार पर चारों योग कर्म योग,भक्ति योग,ज्ञान योग और राज योग को शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत बीएमआई,ऑनलाइन क्वीज,योग वेबसाइट को विकसित करना और योगेश्वर श्रीकृष्ण जी की बाल लीलाओं का मंचन, बलराम जी की कुश्ती (मुश्टीयुद्ध) का मंचन और योग के महत्व को समझाया गया है। योग मूलतः एक आध्यात्मिक अनुशासन है जो एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।  यह एक विज्ञान और स्वस्थ और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। 'योग' शब्द संस्कृत शब्द 'युज' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'जुड़ना' या 'मिलाना' या 'एकजुट होना'। भारतीय दर्शन,जीवन को केवल भौतिक अस्तित्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा मानता है। इसके अनुसार मनुष्य का लक्ष्य मोक्ष (आत्मिक मुक्ति) है,और योग उस लक्ष्य तक पहुँचने का माध्यम है।

योग,भारतीय दर्शन की आत्मा है और आमजन के लिए एक अमूल्य उपहार। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का माध्यम है,बल्कि मानसिक शांति, नैतिक जीवन और आत्मिक उन्नति का मार्ग भी है। भारतीय संस्कृति में योग "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की भावना को साकार करता है।

योग अपनाइए – स्वस्थ रहिए,संतुलित बनिए और जीवन को गहराई से जानिए।

योग भारतीय होने का आत्म गौरव है, इसे अपनाना स्वदेश का सम्मान है।

योगा एक्सपर्ट श्रीमती रिंकू सिंह ने यम, नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग आठों योगों के बारे में बताया और योग की सभी मुद्राओं को करके सभी साधकों को लाभान्वित किया। उन्होंने बताया कि योगा न केवल आपकी बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि ये आपकी ओवरऑल बॉडी को भी फायदा पहुंचाता है। अक्सर कहा भी जाता है कि 'जो करता है योग, उसे नहीं सताता कोई भी रोग। नृत्यांगना कुमारी चांदनी ने बताया योग में शास्त्रीय नृत्य की भी बहुत सी मुद्राएं हैं और भारतीय नृत्य की हर शैली में योग की क्रियाएं शामिल हैं। इसलिए डांस एक्सरसाइज का काम भी करता है और योग आपके मन को सुकून पहुंचाता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि योग को हम अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं। वास्तव में योग और नृत्य में गहरा अंतसंबंध है। दोनों की उत्पत्ति महादेव ने की है आदि योगी भी शिव हैं और नृत्य के राजा नटराज भी जो लास्य (सृष्टि करने वाला कोमल नृत्य) और तांडव (विनाश करने वाला ऊर्जावान नृत्य) दोनों करते हैं। जिसे स्त्री और पुरुष ऊर्जा के रूप में समझा जाता है।

शारदा यूनिवर्सिटी आगरा के प्रो चांसलर वाई.के.गुप्ता ने कहा कि योग एक ऐसी विद्या है जो तन, मन और आत्मा को संतुलन में रखती है। योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है,बल्कि यह एक जीवनशैली है,जो अनुशासन,एकाग्रता और आत्मचिंतन सिखाती है। योग आपके तन को ही नहीं,बल्कि आपके स्वस्थ दिमाग और शांत मन को भी दिशा देता है। यह अंदरूनी ऊर्जा को जाग्रत करता है और आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। हम सभी को एक घंटा प्रतिदिन योग करना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन डीन डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर (डॉ.) शैलेंद्र सिंह के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन वेद प्रकाश पांडे ने किया।

 इस अवसर पर पांचों गांव के ग्रामीणवासी एवं प्रधानगण, बलदेव अखाड़ा प्रमुख नित्या पहलवान, पहलवान गुरु शिवाले चतुर्वेदी,बरारी अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण पहलवान, कुलसचिव डॉ. प्रवीण तिवारी,इवेंट हेड प्रोफेसर (डॉ.) पी.के सिंह, शारदा विश्वविद्यालय के समस्त डीन,विभागाध्यक्ष,शिक्षकगण, 

स्टूडेंटस एवं स्टाफ उपस्थित रहे ।