सच्चा खजाना बैंक बैलेंस नहीं आपके जीवन के मूल्य हैं : पूज्य दीदी कृष्णा

खंदारी कालेज परिसर स्थित राव कृष्णपाल सिंह सभागार में किया गया रूह रेहान सिंधी में कार्यक्रम का आयोजन,वर्तमान समय की चौनोतियों में जीने कला सिखायी दीदी कृष्णा ने 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। सच्चा खजाना आपका बैंक बैलेंस नहीं बल्कि आपके जीवन के मूल्य हैं। जीवन में सादगी,सेवा और सत्य की मनुष्य का वास्तविक आभूषण है। इंसान के दुखों का कारण उसकी तृष्णा है। खंदारी कालेज परिसर स्थित राव कृष्णपाल सिंह सभागार में आयोजित रूह रेहान सिंधि में कार्यक्रम में आज दीदी कृष्णी ने अपने आर्शीवचन में यह बात कही। युवाओं से आह्वान किया कि वह तकनीक और आधुनिक साधनों के साथ-साथ संस्कार और मानव मूल्यों को भी अपनाएं। 

खंदारी कालेज परिसर स्थित राव कृष्णपाल सिंह सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ दीदी कृष्णा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 

इस अवसर पर सिंध हेप्लेज संस्था के अध्यक्ष सुरेश शीतलानी, सचिव महेश मंगरानी भी अपस्थित थे। दीदी कृष्णा का स्वागत स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया। दीदी कृष्णा ने आर्शीवचन में बोलते हुए कहा कि समाज में प्रेम, करुणा और सहिष्णुता के बिना प्रगति अधूरी है। साधू वासवानी मिशन के सिद्धांतों को बताते हुए कहा कि मिशन सदैव सेवा शिक्षा व स्त्रियों व वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। 

कार्यक्रम के प्रारम्भ में दीदी गुलशन दुनानी व दृषिका आडवानी ने श्रीमन नारायण नारायण नारायण... का कीर्तन किया। साथ ही जय गणेश जय गणेश देवा..., ओम नमः शिवाय..., हरे कृष्णा हरे राम ददा श्याम दादा श्याम..., श्रीराम व राधे श्याम... के संकीर्तन ने कार्यक्रम स्थल पर भक्ति की गंगा बहा दी। हर भक्त तालियां बजाते हुए संकीर्तन करता नजर आया। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. हरीश मीरचंदानी, राजू भगत, रेखा बालानी, मंजू, निचानी, नानकराम लखवानी, जोगन जेठानी, गुलाब लधानी, राजेश हेमदेव आदि उपस्थित थे। 

मोबाइल एक साधन, इसे जीवन में हावी न होने दें :

 दीदी कृष्णा ने युवाओं से कहा कि मोबाइल का प्रयोग शिक्षा ज्ञान और सेवा के लिए करें। समय नष्ट करने और नकारात्मक आदतों में फंसने के लिए नहीं। मोबाइल ने लोगों को करीब लाने के बजाय परिवार के लोगों में दूरी पैदा कर दी है। सोशल मीडिया के दोस्तों के बजाय वास्तविक रिश्तों को प्राथमिकता दें। मोबाइल पर अनावश्यक समय बिताने से बचें। परिवार व बच्चों को समय दें। 

अपनी इच्छाओं के कैदी नहीं भगवान के राजकुमार बनें :

दीदी कृष्णा ने कहा कि यदि हम नित्य आनन्द प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें सांसारिक इच्छाओं (तृष्णा) से मुक्त होना होगा। हमें अपनी इच्छाओं का कैदी नहीं बल्कि भगवान के बच्चे (राजकुमार) बनना है। हमें अपने खुद के साथ समय बिताने से डरना नहीं चाहिए। सुबह प्रतिदिन 15 मिनट का समय मौन में बिताएं। ऐसा करने से आपको सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।