मयूर रथ पर विराजे "श्रीकृष्ण-बलराम जी" 36 झांकियों संग निकली दिव्य शोभायात्रा



 बुधवार को होगा श्री कृष्ण रुक्मणि मंगल,पहली बार होगा मेंहदी समारोह का आयोजन 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। श्रीकृष्ण लीला महोत्सव के अंतर्गत बल्केश्वर गौशाला प्रांगण से मंगलवार को श्रीकृष्ण-बलराम जी की भव्य शोभायात्रा भक्तिभाव और उत्साह के बीच निकली। जैसे ही मयूर रथ पर विराजमान भगवान श्रीकृष्ण-बलराम के दिव्य रूप के दर्शन हुए,हजारों श्रद्धालु जय कन्हैया लाल की ... जय श्रीकृष्ण-बलराम जी की... के उद्घोष के साथ उत्साहित हो उठे। आकर्षक लीलात्मक झांकियों, ध्वज-पताकाओं, शंखनाद, ढोल-नगाड़ों और पुष्पवर्षा ने मार्ग को भक्तिमय वातावरण से परिपूर्ण कर दिया।

मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वरूपों की आरती कर शोभायात्रा का शुभारंभ कराया। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल,मुख्य संरक्षक डॉ.विजय किशोर बंसल,अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, लीला संयोजक शेखर गोयल, विजय रोहतगी, प्रवक्ता-धर्मेन्द्र कुमार चौधरी,पंकज मोहन शर्मा, बृजेश अग्रवाल,विष्णु अग्रवाल राधे राधे, तनुराग गोयल,आयुष बंसल, आशु रोहतगी,अतुल गुप्ता, मनोज बंसल,गिर्राज बंसल, मनोज गुप्ता, अशोक हरियाणा, महंत अनंत उपाध्याय, मुकेश शर्मा, लक्ष्मण शर्मा, विष्णु अग्रवाल आदि साथ-साथ चले।

करीब 36 आकर्षक सवारियों और झांकियों ने विभिन्न दिव्य लीलाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया। शोभायात्रा में अग्रदूत रूप से गणेश जी की सवारी तथा मयूर रथ पर दर्शनीय स्वरूपों ने सभी का मन मोह लिया। धर्म के साथ शोभायात्रा में देशभक्ति का रंग भी दिखा। ऑपरेशन सिंदूर और भारत माता की सवारी के साथ वंदे मातरम की गूंज रही। खाटू नरेश की झांकी के साथ हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा के जयघोष लगे।

मुख्य अतिथि प्रो.एसपी सिंह बघेल ने कहा कि आगरा की यह शोभायात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं,बल्कि हमारी सनातन संस्कृति,भक्ति और सामाजिक एकता का पावन संगम है। भगवान श्रीकृष्ण-बलराम जी के दिव्य स्वरूपों का दर्शन करना सौभाग्य की बात है। ऐसे आयोजन समाज में प्रेम, सद्भाव और संस्कृति संरक्षण का अद्भुत संदेश देते हैं। समिति को इस भव्य आयोजन के लिए हृदय से बधाई।

विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि श्रीकृष्ण-बलराम जी की शोभायात्रा आगरा की धार्मिक पहचान है। हजारों श्रद्धालुओं का उत्साह और मार्ग में होने वाला स्वागत इस बात का प्रमाण है कि हमारे नगर में भक्ति और संस्कृति की धारा निरंतर प्रवाहित हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें। समिति द्वारा किया गया यह आयोजन समाज को जोड़ने का उत्कृष्ट माध्यम है। प्रमुख संरक्षक डॉ.विजय किशोर बंसल ने कहा कि अगले वर्ष इस शोभा यात्रा को और भी भव्य बनाएंगे।

शोभायात्रा जीवनी मंडी, भैरों बाजार, बेलनगंज,कचहरी घाट, छत्ता बाजार, दरेसी नं. 2, रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, कसरेट बाजार, किनारी बाजार, सेवका बाजार, फुलट्टी, छिलीट घटिया, सिटी स्टेशन मार्ग, धूलियागंज, पथवारी से होते हुए पुनः गौशाला प्रांगण लौटी। मार्गभर बाजार समितियों ने भव्य आरती व स्वागत कर श्रद्धाभाव व्यक्त किया।

बुधवार को होगी श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह लीला :

अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को द्वारिकापुरी एवं रुक्मणी मंगल लीला का दिव्य मंचन होगा। रुक्मिणी जी द्वारा श्रीकृष्ण को प्रेम संदेश भेजने से लेकर रुक्मिणी-हरण, रुक्मी-वध और द्वारिका में शुभ विवाह तक का अलौकिक प्रसंग प्रस्तुत किया जाएगा। लीला से पूर्व प्राचीन सीताराम मंदिर वजीरपुरा में मेहंदी समारोह पहली बार लीला महोत्सव के अंतर्गत होगा।