हिन्दुस्तान वार्ता। ✍️ डॉ.प्रमोद कुमार
भारत का लोकतंत्र सदैव से विश्व में अपनी विशिष्टता और व्यापकता के लिए जाना जाता है। सात दशकों से अधिक समय में भारतीय लोकतंत्र ने विभिन्न उतार-चढ़ावों, सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तनों और तकनीकी प्रगति की अनेक परिस्थितियों से गुजरते हुए स्वयं को विश्व के सबसे सशक्त और सर्वाधिक सहभागी लोकतंत्रों में स्थापित किया है। परंतु समय के साथ यह आवश्यकता अधिक सशक्त होकर सामने आई कि शासन प्रक्रिया—नीति-निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक—में जनता की भागीदारी को अधिक प्रत्यक्ष और अधिक सक्रिय बनाया जाए। इसी आवश्यकता को समझते हुए भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया, जिसे “MyGov (मेरी सरकार)” के नाम से जाना जाता है। यह केवल एक वेबसाइट या एप्लीकेशन भर नहीं है, बल्कि यह जनता और सरकार के बीच एक पारदर्शी, सहभागितामूलक और तकनीक-संचालित पुल का कार्य करने वाला अत्यंत महत्वपूर्ण जन-सहभागिता मंच है। भारत का लोकतंत्र विश्व के सबसे विशाल, सक्रिय और समृद्ध लोकतंत्रों में से एक माना जाता है। यह अपनी बहुलता, विविधता और नागरिकों की निरंतर सहभागिता के कारण अपने आप में अद्वितीय है। किंतु लोकतंत्र की आत्मा तभी जीवित रहती है जब नागरिक केवल चुनावी प्रक्रिया में मतदाता बनकर सीमित न रह जाएँ, बल्कि शासन-प्रशासन, नीतियों और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हों। इसी आवश्यकता ने भारत सरकार को ऐसे प्लेटफॉर्म की दिशा में प्रेरित किया जो नागरिकों और सरकार को तकनीकी माध्यम से एक-दूसरे के और अधिक निकट लाए परिणामस्वरूप जन्म हुआ “MyGov (मेरी सरकार)” नामक डिजिटल जन-सहभागिता मंच का,जिसे आज भारत सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी पहलों में से एक माना जाता है।
MyGov का मूल दर्शन यह है कि लोकतंत्र केवल सरकार का नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का है। यह मंच इस विचार को साकार करता है कि “सरकार मेरी है, और मैं भी सरकार का अभिन्न हिस्सा हूँ।” यह केवल तकनीकी सुविधा मात्र नहीं, बल्कि शासन की संरचना को अधिक जन-केन्द्रित, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने का एक मजबूत प्रयास है। डिजिटल इंडिया की वैचारिक पृष्ठभूमि के साथ MyGov ने नागरिकों को शासन के केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया है, जहाँ हर नागरिक अपने विचार, सुझाव और रचनात्मक योगदान के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में प्रत्यक्ष भूमिका निभा सकता है।
वर्तमान समय में नीति-निर्माण, प्रशासनिक व्यवस्थाओं, सामाजिक अभियानों और सरकारी कार्यक्रमों की प्रभावशीलता नागरिकों की प्रत्यक्ष सहभागिता पर निर्भर करती है। MyGov ने इसी सहभागिता को सरल, पारदर्शी और संस्था-प्रधान बनाया है। यह मंच नागरिकों को शासन से जोड़ने का ऐसा अवसर देता है, जिससे वे सीधा संवाद कर सकें, राष्ट्रीय अभियानों में योगदान दें, महत्त्वपूर्ण नीतियों के ड्राफ्ट पर राय दें और प्रशासनिक सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करें। इस प्रकार नागरिक और सरकार दोनों मिलकर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। डिजिटल लोकतंत्र का यह वास्तविक स्वरूप विश्व के समक्ष भारत की अद्वितीय लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रमाण प्रस्तुत करता है।
MyGov की उपयोगिता को समझने के लिए हमें इस बात पर विचार करना होगा कि यह मंच शासन की दिशा को किस रूप में परिवर्तित कर रहा है। यह प्लेटफॉर्म सरकार और जनता के बीच संवाद की उस खाई को पाटने का कार्य करता है जो परंपरागत व्यवस्था में वर्षों से बनी हुई थी। पहले नागरिकों के सुझाव, शिकायतें, समस्याएँ या रचनात्मक विचार केवल कागजों तक सीमित रह जाते थे या कभी सही विभाग तक पहुँच ही नहीं पाते थे। लेकिन MyGov ने इस प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर सुनिश्चित किया है कि नागरिकों की आवाज़ सीधे शासन तक पहुँचे और उस पर विचार भी किया जाए।
इस मंच का उद्देश्य केवल सुझाव संग्रह करना नहीं, बल्कि नागरिकों की विशेषज्ञता को राष्ट्रीय विकास में उपयोगी बनाना भी है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण, सामाजिक न्याय, डिजिटल परिवर्तन, विज्ञान एवं नवाचार जैसे क्षेत्रों में अनेक विशेषज्ञों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और सामान्य नागरिकों ने MyGov के माध्यम से सुझाव दिए हैं, जिनमें से कई सुझाव नीतियों में सम्मिलित भी किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि MyGov ने नीति-निर्माण की पारंपरिक सीमाओं को तोड़कर जनता की वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित की है।
MyGov के फीचर्स इस मंच को और अधिक प्रभावी बनाते हैं। इसमें ‘डिस्कशन्स’, ‘टास्क्स’, ‘टॉक्स’, ‘पॉलिसी सुझाव’, ‘क्विज़’, ‘प्रतियोगिताएँ’, ‘ऑनलाइन सर्वे’, ‘देशव्यापी अभियान’, ‘स्वयंसेवी अवसर’ आदि शामिल हैं। इसमें नागरिकों को केवल सुझाव देने का ही अवसर नहीं मिलता, बल्कि वे लोगो डिज़ाइन करने, टैगलाइन सुझाने, पोस्टर बनाने, तकनीकी समाधान देने, नई योजनाओं के नाम प्रस्तावित करने, और सरकारी अभियानों की जागरूकता फैलाने में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार यह प्लेटफॉर्म नागरिकों की रचनात्मकता और ज्ञान दोनों को शासन की धारा में जोड़ता है।
इसी क्रम में MyGov के विकास और प्रसार में शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण, दूरगामी और प्रभावशाली है। भारत के विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय और शिक्षण संस्थान समाज के बौद्धिक विकास के केंद्र होते हैं, जहां नई सोच, नवीन विचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और परिवर्तनकारी ऊर्जा विकसित होती है। MyGov ने शैक्षणिक संस्थानों को न केवल अपनी गतिविधियों से जोड़ने का अवसर दिया है, बल्कि युवाओं को राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का सशक्त माध्यम भी प्रदान किया है।
शैक्षणिक संस्थान MyGov पर उपलब्ध राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, क्विज़, क्रिएटिव टास्क्स, सोशल अभियान कार्यों और नीति-निर्माण चर्चाओं में विद्यार्थियों की सहभागिता को बढ़ावा देकर उन्हें “संवेदनशील नागरिक” बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज भारत में करोड़ों युवा डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं। MyGov युवाओं की इस शक्ति को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है, जिससे वे केवल शिक्षित ही नहीं, बल्कि जागरूक, जिम्मेदार और सक्रिय नागरिक बन सकें। कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में कई कार्यक्रम, जैसे—"MyGov क्लब", जागरूकता सत्र, नीति-विमर्श कार्यशालाएँ, नवाचार पर आधारित प्रतियोगिताएँ और डिजिटल शासन पर सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य युवाओं को शासन प्रक्रिया से जोड़ना है।
इसके अतिरिक्त MyGov विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायी मंच के रूप में उभरा है, जहाँ वे सामाजिक मुद्दों पर शोध-आधारित सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं। अनेक बार विश्वविद्यालयों के छात्र और प्रोफेसर अपने शोध कार्य, डेटा आधारित विश्लेषण, नवाचार परियोजनाएँ और नीति सुझाव MyGov के माध्यम से सरकार तक पहुँचाते हैं। इस प्रकार शैक्षणिक संस्थान देश की नीतियों को वैज्ञानिक, तार्किक और व्यवहारिक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह सहभागिता केवल शासन को ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग की चिंतन-क्षमता और नेतृत्व-कौशल को भी विकसित करती है।
विद्यालय स्तर पर शिक्षक MyGov पर उपलब्ध क्विज़, अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों को कक्षा के शिक्षण से जोड़ते हैं, जिससे विद्यार्थियों में देश, समाज और लोकतंत्र के प्रति भावनात्मक तथा बौद्धिक जुड़ाव विकसित होता है। शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वास्तविक जीवन के अनुभवों और गतिविधियों से जुड़ जाती है। यह लोकतांत्रिक शिक्षा का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप है, जहाँ विद्यार्थी सक्रिय सहभागी बनकर देश की आवश्यकताओं और चुनौतियों को समझते हैं।
MyGov के विस्तार में शैक्षणिक संस्थानों की एक और महत्त्वपूर्ण भूमिका यह है कि वे समाज में जागरूकता फैलाने का माध्यम बनते हैं। शिक्षण संस्थान समाज के मध्य स्थित होते हैं और उनके द्वारा चलाए गए अभियान व्यापक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। जब विश्वविद्यालय या विद्यालय MyGov के माध्यम से स्वच्छता, स्वास्थ्य, डिजिटल सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण, पर्यावरण सम्बंधी अभियानों में शामिल होते हैं, तो पूरा समुदाय उससे प्रेरित होता है और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित होती है।
MyGov ने शासन और जनता के बीच एक नया संबंध स्थापित किया है—एक ऐसा संबंध जिसमें नागरिक केवल समस्या को प्रस्तुत नहीं करते, बल्कि समाधान का हिस्सा भी बनते हैं। यही लोकतंत्र की सार्थकता है। इस प्लेटफॉर्म ने दिखाया है कि यदि नागरिकों को सही अवसर, सही मंच और सही दिशा मिले, तो वे शासन की गुणवत्ता बदल सकते हैं, देश के भविष्य को दिशा दे सकते हैं, और प्रशासन को अधिक पारदर्शी व उत्तरदायी बना सकते हैं। MyGov ने तकनीक को लोकतंत्र का सशक्त माध्यम बनाकर भारत के शासन को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया है।
अंततः यह कहा जा सकता है कि MyGov (मेरी सरकार) केवल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि “नई भारतीय शासन-व्यवस्था” की एक क्रांतिकारी अवधारणा है—एक ऐसी अवधारणा जिसमें नागरिक केवल मतदाता नहीं बल्कि नीति-निर्माता के साझेदार हैं; जिसमें सरकार केवल आदेश देने वाली संस्था नहीं बल्कि संवाद-सहयोग पर आधारित सहभागी शासन का मॉडल है; और जिसमें लोकतंत्र केवल चुनाव तक सीमित न रहकर निरंतर सक्रिय जनता की भागीदारी से सशक्त होता है। यह मंच भविष्य के भारत में अधिक पारदर्शी, अधिक उत्तरदायी, अधिक डिजिटल और अधिक सहभागी शासन की दिशा में एक मजबूत आधारशिला स्थापित करता है। और इसी प्रक्रिया में शैक्षणिक संस्थानों की सक्रिय, जागरूक और रचनात्मक भूमिका ने इस प्लेटफॉर्म को और अधिक प्रभावी, जीवंत और व्यापक बनाया है। शिक्षण संस्थानों और युवाओं की ऊर्जा को MyGov से जोड़कर भारत ने एक ऐसा लोकतांत्रिक मॉडल प्रस्तुत किया है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक मार्ग बनेगा। यह मंच इस विश्वास को दृढ़ करता है कि राष्ट्र-निर्माण केवल सरकार का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व और हर युवा का स्वाभाविक कर्तव्य है। MyGov ने इस दायित्व और कर्तव्य को सरल, सुलभ और सार्थक बनाकर सहभागितामूलक लोकतंत्र की एक नई परंपरा स्थापित की है—एक ऐसी परंपरा जो भारत के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला है। इसी आधारशिला से अपना देश विकसित, सशक्त, अखण्ड और श्रेष्ठ राष्ट्र के रूप में उदयीमान रहेगा। ।।जय हिंद जय भारत।।
लेखक-डिप्टी नोडल अधिकारी, MyGov
डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा

