हिन्दुस्तान वार्ता। तमिलनाडु
ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत लाखों रुपए की लागत से बनाए गए अमृत सरोवर का विभिन्न देशों के राजदूतों द्वारा निरीक्षण किया गया। सभी राजदूतों ने तालाब के चारों ओर घूम-घूमकर देखा। उन लोगों ने किसानों से धान की फसल और इसके नस्ल के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। इस योजना के माध्यम से प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75 तालाबों का निर्माण करवाया गया है। ताकि इन जिलों में जल की समस्या दूर हो सके और जल स्तर में वृद्धि हो। इसका उपयोग कृषि कार्यों व पशु पालन आदि जैसी समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि क्यूबा, जिबूती, फिजी, आइसलैंड, मलावी, नाइजीरिया, पापुआ न्यू गिनी, सिंगापुर, सूडान और सूरीनाम में हमारे दूतों ने तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले में अमृत सरोवर साइट का दौरा किया। साथ ही कहा जल जीवन हरियाली योजना के तहत बने अमृत सरोवर का निरीक्षण करने को 06 देशों के भारतीय राजदूत खिजरसराय पहुंचे। सभी भारतीय राजदूतों ने खिजरसराय प्रखंड के डेमा गांव जाकर अमृत सरोवर का अवलोकन किया।
सरकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू हुआ अमृत सरोवर मिशन:
जम्मू कश्मीर ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आकांक्षाओं के अनुसार अपने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर स्थापित करने में प्रथम होने का मील का पत्थर हासिल किया है, बल्कि दो साल के लिए निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक हासिल किया है। गौरतलब है कि पूरे देश में अमृत सरोवर मिशन पूरे सरकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया है, जिसमें 06 मंत्रालय या विभाग जैसे ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन भागीदार होंगे। इन विभागों के अलावा, भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान को मिशन के लिए एक तकनीकी भागीदार के रूप में लगाया गया है। मिशन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों के माध्यम से काम करता है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)