हिन्दुस्तान वार्ता। फिरोजाबाद
जोखिम भरे रेस्क्यू ऑपरेशन में, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस और वन विभाग ने 7 फुट लंबे मगरमच्छ को सफलतापूर्वक बचाया।
नगला पसी गांव में शौचालय के अंदर मिला मगरमच्छ। ये गाँव उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्थित है।
2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ कर वापस अपने प्राकर्तिक आवास में छोड़ दिया गया।
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद जिले के एक गाँव में उस समय दहशत का माहौल पैदा हो गया जब सुबह-सुबह लोगों ने शौचालय के अंदर विशालकाय मगरमच्छ को देखा।
नगला पसी गांव के निवासी एक इमारत के शौचालय के अंदर लगभग 7 फुट लंबा मगरमच्छ देखकर हैरान रह गए और तुरंत वन विभाग को मदद के लिए बुलाया।
वन विभाग के अधिकारियों ने वक़्त ज़ाया ना करते हुए वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस को बचाव अभियान में सहायता के लिए सूचित किया।
एनजीओ की चार सदस्यीय टीम आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ करीब 100 किलोमीटर की दुरी तय कर घटनास्थल पर पहुंची। अत्यधिक सावधानी बरतते हुए, रेस्क्यू टीम ने लगभग 2 घंटे लंबे ऑपरेशन के बाद मगरमच्छ को पिंजरे में कैद कर लिया।
पूछताछ करने पर पता चला कि मगरमच्छ पास के एक तालाब से इमारत के शौचालय के अंदर घुस आया था। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस रेस्क्यू टीम ने आखिरकार जानवर को उपयुक्त प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया।
बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने कहा "एक ही महीने के अंदर ये हमने फिरोजाबाद से दूसरा मगरमच्छ पकड़ा है। पास में नहर होने के कारण मगरमच्छ कभी-कभी जलाशय से भटक कर भूमि पर आ जाते हैं। लेकिन इसका बड़ा श्रेय स्थानीय लोगों को जाता है, जिन्होंने अधिकारियों को सूचित कर सही कदम उठाया। नतीजतन, हम मगरमच्छ को सकुशल बचाने में सफल रहे।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा,“मगरमच्छ अत्यधिक शक्तिशाली जानवर हैं। शौचालय में इतना बड़ा मगरमच्छ देख किसी के भी होश उड़ सकते हैं, लेकिन हमारी रेस्क्यू टीम के पास ऐसी नाजुक परिस्थितियों से निपटने का वर्षों का अनुभव है। हमारा उद्देश्य लोगों को उन कारणों से अवगत कराकर उन्हें जागरूक बनाना है जो मगरमच्छों को मानव निर्मित आवासों में जाने के लिए मजबूर करती हैं।
सुरेंद्र कुमार सास्वत, वन क्षेत्राधिकारी जसराना ने कहा “जैसे ही हमें सूचना प्राप्त हुई, तो हम अपनी टीम के साथ तुरंत वहां पहुंचे। हमने वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस टीम को भी सूचित किया, जिन्होंने पूरे ऑपरेशन में बहुत अच्छा काम किया। मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ने के बाद उसे वापस स्वस्थ जल निकाय में छोड़ दिया गया।
रिपोर्ट- रवि बघेल।