भारत-सऊदी संबंधों के इतिहास में कभी भी कोई असहमति नहीं रही।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में क्राउन प्रिंस और सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सऊद के साथ द्विपक्षीय और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी की क्षमता को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, भारत-सऊदी अरब साझेदारी स्थिरता,क्षेत्र और विश्व के कल्याण के साथ ही भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता में योगदान के लिए क्राउन प्रिंस को फिर से धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच एक ऐतिहासिक आर्थिक गलियारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा यह गलियारा न केवल दो देशों को जोड़ेगा बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक विकास और डिजिटल सम्पर्क सुविधा प्रदान करने में भी मदद करेगा। पीएम मोदी ने कहा क्राउन प्रिंस के नेतृत्व और विज़न 2030 के अंतर्गत सऊदी अरब आर्थिक रूप से बहुत ही सुदृढ़ हुआ है।

__________________

क्राउन प्रिंस के नेतृत्व में सऊदी अरब आर्थिक रूप से हुआ सुदृढ़: पीएम मोदी।

__________________

वहीँ सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा भारत-सऊदी अरब संबंधों के इतिहास में कभी भी कोई असहमति नहीं थी, लेकिन भविष्य के निर्माण और अवसर पैदा करने के लिए सहयोग है। उन्होंने कहा आज दोनों देश भविष्य के अवसरों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रबंधन और मध्य पूर्व, भारत और यूरोप को जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे सहित हासिल की गई पहलों के लिए पीएम मोदी को बधाई दी। 

भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद एसपीसी की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत के लिए सऊदी अरब उसके सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारों में से एक है। उन्होंने कहा दुनिया की दो बड़ी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए आपसी सहयोग महत्वपूर्ण है। 

पीएम मोदी ने कहा बातचीत में दोनों देशों ने साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कई पहलों की पहचान की है। प्रधानमंत्री ने कहा आज की बातचीत संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी। इससे हमें मानवता के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस ने भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के कार्यवृत्त पर हस्ताक्षर किए। भारत और सऊदी अरब के बीच सदियों पुराने आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाने वाले सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है जबकि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 52 बिलियन डॉलर से अधिक का था। भारत में सऊदी का प्रत्यक्ष निवेश तीन अरब डॉलर से अधिक है और यह ऊर्जा सहयोग भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों का एक केंद्रीय स्तंभ है। ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अरब भारत का एक प्रमुख भागीदार है। सऊदी अरब वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यातक बना रहा।

                                 ------------------

मुरलीधरन ने भारत-सऊदी निवेश फोरम में लिया भाग,सऊदी मंत्रियों से की मुलाकात।


विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को भारत-सऊदी निवेश फोरम के एक स्वागत समारोह में भाग लिया, जो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य भारत-सऊदी अरब आर्थिक साझेदारी को एक नई गति देना था। विदेश राज्य मंत्री ने एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री, एचआरएच प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की राजकीय यात्रा के अवसर पर आयोजित भारत-सऊदी निवेश फोरम के रिसेप्शन में भाग लेने की खुशी है।"

इस दौरान उन्होंने कई सऊदी मंत्रियों से भी मुलाकात की और वहां भारत और सऊदी अरब के प्रमुख व्यापारिक व्यक्तियों की भागीदारी की सराहना की। साथ ही सऊदी मंत्री खालिद बिन अल-फलीह, निवेश मंत्री; माजिद बिन अल कसाबी, वाणिज्य मंत्री; अब्दुल्ला अलस्वाहा, आईटी मंत्री; बंदर अलखोरायफ, औद्योगिक और खनिज संसाधन मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि प्रमुख व्यापारिक व्यक्तियों की व्यापक भागीदारी देखकर अच्छा लगा।

गौरतलब है कि सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद 9-10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। भारत और सऊदी अरब के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो सदियों पुराने आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाते हैं। 1947 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद दोनों पक्षों की ओर से उच्च स्तरीय यात्राएँ हुईं। इसके अलावा, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत का 18 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल आयात सऊदी अरब से होता है। जबकि, वर्ष 2021-22 भारत की आजादी के 75 साल को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाता है। यह उत्सव भारत और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के साथ भी मेल खाता है।

रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी।