समाज का एक ही निर्णय,वैधानिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ही रहेंगे पदासीन : अ.भा.माथुर वैश्य महासभा




− अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा ने पत्रकारों के समक्ष रखी बात

− केंद्रीय संयुक्त मंत्री आशीष आर्या बोले, हम हैं वैधानिक पद के साथ  

− विगत दिनों हुए मंडलीय परिषद के विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन को कहा अनुशासनहीनता 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। समाज में परंपरा,अनुशासन और कर्मठता बनाए रखने के लिए समर्पित निर्वाचित हुए बनारस के अशोक गुप्ता को ही अखिल भारतीय माथुर वैश्य समाज अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष मानती है। उनके समर्पण के कारण ही समाज में विकास को गति मिली है। 

पत्रकारों के समक्ष यह बात रखी अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा के केंद्रीय संयुक्त मंत्री आशीष आर्या ने। बुधवार को पचकुइयां स्थित माथुर वैश्य महासभा भवन में बैठक आयोजित की गयी। 

बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री आशीष आर्या ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए वाराणासी निवासी अशोक गुप्ता ही माथुर वैश्य समाज की एकमात्र शिरोमणि संस्था अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा के वैधानिक अध्यक्ष हैं। 

उन्होंने बताया कि बनारस बीड्स के चैयरमेन अशोक गुप्ता अक्टूबर 2021 में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। निर्वाचन के पश्चात से ही सख्त और समाज के हित में निर्णय लेने की वजह से एक गुट के निशाने पर वे आ गए। तमाम आलोचना और विरोध के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने निर्णयों से डिगे नहीं और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा लिये कड़े निर्णय लेते हुए समाज सुधार की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिए। 

आशीष आर्या ने बताया कि प्रत्येक तीन वर्ष बाद होने वाले प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन गत फरवरी में चैन्नई में दक्षिणांचल मण्डल अध्यक्ष उमेश गुप्ता द्वारा किया गया था। उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा इस सम्मेलन में समाज सुधार की दिशा में कई निर्णय लिए गए। देश भर से आये 75 प्रस्तावों में से 48 प्रस्ताव पारित हुए बाकी निरस्त कर दिए गए।

इन प्रस्तावों के पारित होते ही कुछ गुट विशेषों में हलचल मच गई और उन्हें अपना सामाजिक कैरियर खतरे में नज़र आने लगा और ये गुट विशेष समाज को गुमराह करने पर उतर आए। अनावश्यक अफवाह समाज में फैलाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष पर दवाब बनाने का प्रयास किया, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दवाब में न आते हुए कुछ पूर्व व निवर्तमान पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कुछ वैधानिक जानकारियां मांग लीं।  इन पत्रों से और हड़कंप की स्थिति बन गई। अंत में विधान विरुद्ध अवैधानिक तरीके से आगरा में इन लोगों ने आगरा मण्डल के सानिध्य में अनाधिकृत अधिकारों का प्रयोग करते हुए निर्वाचित हुए अधिकृत राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाने की घोषणा कर नया अंतरिम अध्यक्ष मनोनीत कर दिया। 

विधान परिषद के अध्यक्ष एड.सुरेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष का मनोनयन वैधानिक राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र देने के बाद की प्रक्रिया के बाद होता है और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोई त्यागपत्र नहीं दिया है। सबसे बड़ी बात है कि देश की किसी भी मण्डलीय परिषद को इस तरह के आयोजन को करने का अधिकार ही नहीं है जो आगरा मण्डल ने कर अनुशासनहीनता की है। 

बैठक में माथुर वैश्य विधान पुस्तिका के आधार पर तथ्य भी साझा किए गए। इस अवसर पर राजेश गुप्ता, वीर नारायण, हितराम, सीए दिनेश गुप्ता, विमल सर्राफ, सुभाष चंद्र सभासद, शालिनी, अनुराधा, विजय, अंजू, ममता, नीता, कमला, जानकी, सुनीता, नितिन, गणेश शंकर, प्रदीप, मनोज, राकेश, नीरज आदि उपस्थित रहे।