संगठन के प्रभारी रिंकू अग्रवाल ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के समक्ष,माँगो को प्रमुखता से रखा
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा। आगरा मण्डल व्यापार संगठन द्वारा विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के आगरा आगमन पर उनको एक माँग पत्र सौंपा। माँग पत्र के साथ साथ संगठन के प्रभारी रिंकू अग्रवाल ने आयोग के अध्यक्ष के समक्ष,इन माँगो को प्रमुखता से रखा और उनसे कहा कि इन महत्वपूर्ण बिंदुओ पर विचार कर,यथासंभव संसोधन जनहित में आवश्यक है।
माँग पत्र में संगठन ने निम्न मांगे की है :
(1) विद्युत दरों में बढ़ोतरी के संबंध में : यह कि वर्तमान में प्रदेश में विद्युत दरे अन्य प्रदेशों की अपेक्षा पहले से ही काफी अधिक हैं,और प्रदेश में विद्युत दरें बढ़ाये जाने से लघु उद्योगों की उत्पादन इकाइयों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा तथा आम विद्युत उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक भार वहन करना पड़ेगा। अतः किसी भी हालत में प्रदेश के अंदर विद्युत की दरे न बढ़ाई जाए बल्कि प्रदेश में लाइन लॉस रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए जिससे लाइन लॉस काम होगा तथा इसका लाभ विद्युत दरो में कमी करके ईमानदार उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए एवं सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी बढ़ाई जाए एवं प्लानट लगाने के लिए नियमों का सरलीकरण किया जाए।
( 2) LMV-2 कनेक्शन के संबंध में : यह कि छोटे-मोटे दुकानदार जैसे छोटे खोखे लगाकर पान की दुकान चलाने वाले या जनरल स्टोर का सामान बेचने वाले आदि फुटकर विक्रेता जिनकी पूरे साल में सिर्फ एक से दो लाख से ज्यादा की बिक्री नहीं होती है उनको परिवार का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो जाता है उनके कनेक्शन LMV- 2 में लगाए जाने चाहिए तथा विद्युत विभाग द्वारा फिक्स चार्ज के साथ-साथ मिनिमम चार्ज भी लिया जाता है इसमें जितना उपभोक्ता यूनिट खर्च करता है उसके हिसाब से सिर्फ फिक्स चार्ज लिया जाए क्योंकि देखा गया कि काफी दुकानदारों के व्यवसाय बंद रहते हैं इसलिए मिनिमम चार्ज न लेकर सिर्फ फिक्स चार्ज एवं यूनिट चार्ज ही वसूला जाए।
(3) विद्युत संयोजन की विधा में परिवर्तन हेतु :
यह कि यदि कोई विद्युत उपभोक्ता अपने संयोजन की विधा परिवर्तन किए बिना अपने सिंगल फेस संयोजन का भार 1 किलोवाट से बढ़कर 4 किलोवाट तक और 3 फेस का 5 से 7.5 या 10 किलो वाट तक भार बढ़ाना चाहता है तो उसके स्वयं के घोषणा पत्र की स्वकृति को ही विभागीय स्वीकृति मानते हुए उसके लिए नियम अनुसार लागू अतिरिक्त जमानत राशि आदि आगे के बिलो के साथ उससे जमा कराकर विभाग द्वारा उसके कुल भार को नियमित करने की व्यवस्था की जाए जिससे कि विद्युत उपभोक्ता अनावश्यक विलंब और नाजायज और उत्पीडनात्मक कार्रवाई से बच सके।
(4) यह कि स्व: घोषित व्यवस्था के अंतर्गत भार वृद्धि के लिए संयोजन की स्थिति तकनीकी रूप से अपरिवर्तित ही रहेगी जिससे विभाग को कोई क्षति भी नहीं होगी। अतः कृपया जनहित में स्व:घोषित भार वृद्धि योजना के आदेश अति शीघ्र जारी किए जाएं जिससे कि विद्युत उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।
(5) यह कि प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया" प्लान को ध्यान में रखते हुए छोटे उद्योग लगाने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए 4 किलोवाट तक के पावर कनेक्शन की यूनिट करें व स्थापित करने की दरे कम रखी जाए जिससे की छोटी पूंजी के उद्योग लगाने वाले आसानी से उद्योग स्थापित कर सके तथा उसे संयोजन को LMV-6 में न देकर LMV-2 में दिया जाए।
(6) यह कि जी प्लस-टू परिसर होने पर नया कनेक्शन देने पर ट्रांसफार्मर लगाने के लिए निजी परिसर पर बाध्य किया जाता है इसको खत्म किया जाना चाहिए बल्कि विभाग के द्वारा ही ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी बढ़ाई जाए जिससे कि सुगमिता पूर्वक विद्युत उपभोक्ताओं को कनेक्शन मिल सके।
(7) यह की सामाजिक,धार्मिक और व्यापारिक संस्थाएं जिनकी आय का कोई साधन नहीं होता है तथा उन संस्थाओं के सदस्य ही चंदा-चिठा करके अपना संगठन चलाते हैं उनके कार्यालय का संयोजन LMV-1 में किया जाना चाहिए या संस्थाओं से फिक्स्ड चार्ज ना लेकर सिर्फ यूनिट चार्ज दिया जाए।
(8) यह कि वर्तमान में किसी भी कलेक्ट कनेक्शन को बढ़ाने पर 2 साल की अवधि तक घटाई नहीं जा सकती, जिससे उपभोक्ता को अपना भार बढ़ाने में परेशानी होती है अतः विद्युत उपभोक्ताओं को 2 साल की अवधि के लिए विद्युत बाल हटाने या बढ़ाने का पूरा अधिकार मिले तथा भार घटाने या बढ़ाने के लिए समय की बाध्यता समाप्त की जाए।
माँग करने वालों में संगठन के सर्वश्री पवन बंसल, त्रिलोकचंद शर्मा, राजेश गोयल,चरणजीत थापर, प्रयाग तिवारी, प्रदीप लूथरा, रिंकू अग्रवाल, मुकेश जैन, केपी सिंह, रचित सराफ, राजकुमार शर्मा, राजकुमार अग्रवाल, सुशील यादव, सलीम जब्बार, प्रकाश अग्रवाल,चरणजीत टिम्मा, प्रमोद अग्रवाल, रविकांत अग्रवाल, विनय दोनोरिया, सुनील कुमार कनौजिया, दिलीप अग्रवाल,अमित बंसल,माधव अग्रवाल, रवि अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, श्याम जरारी,आयुष गुप्ता आदि प्रमुख हैं।