उत्तर भारत की ऐतिहासिक भगवान श्रीराम की बरात,बड़े ही भव्यता के साथ निकली

हिन्दुस्तान वार्ता। धर्मेन्द्र कुमार चौधरी

आगरा। राजा दशरथ भगवान श्रीराम सहित अपने चारों पुत्रों की बरात को अयोध्या नगरी से मिथिला नगरी बड़े ही सज-धज कर लेकर निकले। बरात में अयोध्यावासी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ नाच गा कर आगे बढ़ रहे थे। आगे-आगे बग्गी में राजा दशरथ रानी कौशल्या के स्वरूप (संतोष शर्मा व ललिका शर्मा) अपने परिवारीजनों संग बैठे थे। उनके साथ साथ गुरु वशिष्ठ व विश्वामित्र का रथ भी चल रहा था। जगह-जगह आरती व पुष्प वर्षा कर राजा दशरथ, माता कौशल्या व श्रीराम सहित चारों भाईयों व गुरुजनों का स्वागत किया गया। हजारों की संख्या में श्रीराम बरात देखने एवं भगवान श्रीराम के दर्शनों के लिए व्याकुल भक्तों का नजारा ही कुछ और था।

  श्रीराम बरात शनिवार की दोपहर दो बजे शुरू कर दी गई। हालांकि श्रीराम के स्वरूप को रथ पर विराजमान होने में दो घंटे की देरी हुई,लेकिन फिर भी रामलीला कमेटी के सभी पदाधिकारी उत्साहित थे। उन्होंने हर साल होने वाली देरी पर काफी हद तक काबू पा लिया।

श्रीराम के स्वरूप बरात के सबसे आखिरी रथ पर विराजमान होते हैं और उन्हें सायं छह बजे तक रथ पर विराजमान कराने का लक्ष्य था, इसमें दो घंटे की देरी हुई। रात आठ बजे उन्हें रथ पर विराजमान कराया गया। इसके बाद बरात ने गति पकड़ ली। रात साढ़े ग्यारह बजे तक श्रीराम जी का रथ बेलनगंज पहुंच चुका था। रावतपाड़ा तिराहे से शुरू हुई यह राम बरात रावतपाड़ा, दरेसी, छत्ता बाजार, कचहरी घाट, बेलनगंज, धूलियागंज, घटिया आजम खां, छिली ईंट रोड, फुलट्टी,किनारी बाजार होते हुए वापस रावतपाड़ा पहुंची और यहां क्षणिक विश्राम के बाद स्वरूपों को कारों में बैठाकर जनकपुरी ले जाया गया। श्रीराम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न के स्वरूपों को रथों पर विराजमान कराने से पहले मनःकामेश्वर मंदिर के निकट स्थित बारहद्वारी पर केंद्रीय मंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल, प्रदेश सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय,विधायक बाबूलाल, जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और पुलिस कमिश्नर जे.रविंद्र गौड़ समेत अनेक लोगों ने उनकी आरती उतारी। प्रदेश के होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति और महापौर हेमलता दिवाकर भी बरात में शामिल हुए। राजा दशरथ बने संतोष शर्मा अपने कुनबे के साथ चार बग्धियों पर सवार होकर बरात में चले थे।

दिल में वर रूप में श्रीराम को पाने की कामना लिए गौरा मां की स्तुति के लिए शनिवार को सीता जी का डोला जनकपुरी क्षेत्र में धूमधाम से निकला। मिथिला नगरी में भ्रमण करते हुए जानकी का डोला गोविन्द नगर स्थित भूतनाथ की बगीचा पहुंचा,जहां सीता जी ने अपनी सखियों संग 51 थाल सजाकर मां गौरा की आरती व पूजन किया। जगह-जगह पुष्प वर्षा कर डोले का स्वागत किया गया। मां गौरा के समक्ष हाथ जोड़े वैदेही ने विधि विधा से पूजन किया। आचार्य राहुल रावत के नेतृत्व में आदि वैदिक शंकर विद्यापीठ लखनऊ के 11 बटुक ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान से वेद मंत्रों द्वारा मां गौरा का पूजन कराया गया। सीता जी ने हल्दी,रोली व मेहंदी,धूप दीप वेद पाठकर मां भवानी की पूजा की, वस्त्र दान भी किए गए। अंत में 51 थाल सजाकर से मां गौरा की आरती की गई।

छाया - असलम सलीमी ।