− दस दिवसीय महोत्सव का हुआ दक्षिण भारतीय पूजन पद्धति से समापन
− गणपति के 1008 नामों से दी गयी आहुतियां, दूर्वा से हुआ अर्चन
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा।17 सितम्बर,सबका मंगल हो,मेरा मंगल हो,मेरा मंगल हो…हे मंगलमूर्ति सबका मंगल हो। इसी मंगल कामना के साथ श्रीगणेश चतुर्थी महोत्सव का समापन आगरा−फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर में हुआ।
दस दिवसीय महोत्सव के समापन पर मंदिर संस्थापक हरिमोहन गर्ग और साधना गर्ग ने सहस्त्रनाम हवन किया। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित लखन दीक्षित ने बताया कि श्रीगणेश सहस्त्रनाम पाठ हर विघ्न को हरने वाला है। जगत हिताए की मंगल कामना के साथ जब इस हवन को किया जाता है तो मंगल वर्षा होती है। श्रीअनंत चतुर्दशी के पुण्य अवसर पर भगवान महागणपति के सहस्त्रनाम जप करते हुए महापूर्णाहुति और दूर्वा अर्चन किया गया। इसके बाद संध्या बेला में नक्षत्र, कुम्भ, पंच, धूप और शीतल आरती की गयी।
दक्षिण भारतीय पूजन पद्धति का अनुसरण करते हुए मंदिर में कढ़ी चावल और पूड़ी सब्जी की भाेग प्रसादी हुयी। मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी की सेवा हाथरस निवासी प्रतीक अग्रवाल की ओर से रही। मनीष कुमार बंसल ने ध्वजा अर्पित की। दस दिन पूजा सेवा में आचार्य भरत उपाध्याय और आचार्य नीरज पाराशर का सहयोग रहा। गणेश महोत्सव का समापन होने के अवसर पर मंदिर में विशेष सजावट की गयी थी। मंदिर परिसर को दिल्ली से मंगवाए गए फूलों से सुसज्जित किया गया था। अपने आराध्य के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार मंदिर परिसर से सड़क तक लगी रही।