हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : 9 जून,आगरा जनपद और उसके आस-पास के क्षेत्रों के मरीज़ों को आगरा के गोयल सिटी हॉस्पिटल में ‘कोरी’ नामक एक उन्नत एआई-संचालित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम की शुरुआत से लाभ मिल रहा है,जिससे अब जोड़ों की सर्जरी के बाद ठीक होने में समय कम लगेगा और हॉस्पिटल में ज्यादा रूकने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। यह पारंपरिक तकनीकों की तुलना में बेहतर है,क्योंकि इस तकनीक के द्वारा इम्प्लांट का प्रत्यारोपण अधिक सटीक होता है,सर्जरी के दौरान ऊतकों को कम क्षति पहुंचती है,सर्जरी के बाद दर्द कम होता है और रिकवरी तेज होती है।
आगरा शहर में इस सिस्टम को लॉन्च करते हुए,ऑर्थोपेडिक सर्जन और गोयल सिटी हॉस्पिटल,आगरा के संस्थापक डॉ. मुकेश गोयल ने कहा कि"हम चिकित्सा प्रगति में सबसे आगे रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं,और इस प्रणाली की शुरूआत स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है। हम लगातार सबसे उन्नत और रोगी-अनुकूल उपचार प्रदान करने का प्रयास करते हैं। घुटने और कूल्हे के लिए एआई-संचालित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम की शुरुआत सटीकता,सुरक्षा और तेज़ रिकवरी प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता से जन्मी है। रोबोटिक सहायता से,अब हम पारंपरिक मानकों से बेहतर परिणाम देने में सक्षम हैं।यह तकनीक आगरा और आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। अब इन क्षेत्रों के मरीज़ों को रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट करवाने के लिए बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं होगी, उन्हें यहीं विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती है। यह एकमात्र रोबोट है जो टोटल और पार्शियल नी रिप्लेसमेंट (पूर्ण और आंशिक घुटना प्रत्यारोपण) और हिप रिप्लेसमेंट (कुल्हा प्रत्यारोपण) सर्जरियां करने में सक्षम है। वे उक्त जानकारी होटल होलीडेइन में आयोजित"एआई-संचालित रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सिस्टम लॉन्चिंग" कार्यक्रम में दे रहे थे। उन्होंने आगे बताया कि गोयल सिटी अस्पताल में इसकी शुरूआत के बाद से डॉ.मेघल गोयल,जिन्होंने रोबोटिक तकनीकों में विशेष प्रशिक्षण लिया है,उन्होंने रोबोटिक कूल्हे और घुटने की सर्जरियों सहित 38 रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सफलता पूर्वक किए हैं। इनमें कुछ बहुत जटिल मामले भी शामिल थे,इनका प्रबंधन इतने बेहतर तरीके से किया गया कि सफलता दर भी बहुत अच्छी रही और रिकवरी में भी कम समय लगा।
मुख्य वक्ता आगरा स्थित गोयल सिटी हॉस्पिटल के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ.मेघल गोयल ने बताया, कि"हमारी सबसे कम उम्र की मरीज़ 40 साल की महिला थी,जो जोड़ों की क्षति के शुरुआती चरण से पीड़ित एक गृहिणी थी, और सबसे बुजुर्ग 84 साल की थी, जो सर्जरी के अगले ही दिन सहारे के साथ चलने लगी थी। दोनों को ठीक होने में अधिक समय नहीं लगा और वो अपेक्षित समय से पहले ही अपनी नियमित गतिविधियों करने में सक्षम हो गई।" सर्जरियों के परिणाम काफी उत्साह जनक रहे,मरीज़ों ने फ़ॉलो-अप्स में जल्दी चलना-फिरना शुरू करने, दर्द का अनुभव कम होने और सर्जरी के परिणामों से अत्यधिक संतुष्ट होने की बात कही। उन्होंने इस सम्बंध में आश्चर्यजनक जानकारियों से ऑडियंस को अवगत कराया।
डॉ.मुकेश गोयल ने बताया कि "हम जागरूकता अभियान,मुफ़्त ऑर्थोपेडिक कैंप,आयुष्मान भारत योजना और बीमा सहायता जैसे किफ़ायती वित्त विकल्प शुरू कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य रोबोटिक सर्जरी को न केवल शहरी मरीज़ों के लिए बल्कि गांवों और छोटे शहरों के उन लोगों के लिए भी एक वास्तविकता बनाना है, जो सर्वश्रेष्ठ उपचार तक पहुंच के हकदार हैं।अस्पताल को जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के प्रति लोगों की धारणा में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद है।हाल ही में शुरू की गई उन्नत एआई-संचालित प्रणाली न्यूनतम दर्द,तेज़ रिकवरी और अस्पताल में कम समय तक रहने को सुनिश्चित करती है। यह ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले ज़्यादा से ज़्यादा मरीज़ों को खामोशी से दर्द सहने के बजाय समय पर सर्जिकल समाधान चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
गोयल सिटी हॉस्पिटल स्वास्थ्य सेवा वितरण में नए मानक स्थापित कर रहा है,जो आगरा और उसके बाहर के लोगों को विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।आयोजन में आगरा एवं आसपास के स्थानों से आये सैकड़ों जागरूक नागरिकों ने भाग लिया। आगरा महानगर के जनप्रतिनिधियों,समाजसेवियों,चिकित्सकों,उद्यमियों आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम में एत्मादपुर विधायक डॉ.धर्मपाल सिंह,डॉ.हरेंद्र गुप्ता डॉ.डीवी शर्मा,डॉ.रंजना बंसल,डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा,डॉ.वाई बी अग्रवाल,डॉक्टर एचपी सिंह,डॉक्टर सीएस गुप्ता,डॉ विकास मित्तल,डॉ सौरभ माहेश्वरी,डॉ.रवि पचौरी, डॉ.के.सी.सरस्वत,डॉक्टर शरद गुप्ता, डॉ.दीपक माहेश्वरी, डॉक्टर अलका - गोयल,डॉक्टर खुशबू गोयल,योग गुरु दीपक मारु,डॉ.गिरधर शर्मा,अपर्णा - पोद्दार,नम्रता जी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। संचालन आरती मल्होत्रा ने किया।