'एक पेड़ माँ के नाम' : आगरा नगर निगम द्वारा नि:शुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम आयोजित

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : 15 जुलाई,समुद्र सागर अपार्टमेंट,न्यू आगरा में नगर निगम आगरा एवं सी एल सी नगर निगम आगरा के सहयोग से “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत नि:शुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। आयोजन में सहकार भारती आगरा मंडल एवं महामना मालवीय मिशन,आगरा संभाग के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण सक्रिय सहभागिता के साथ उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत पं. मदन मोहन मालवीय, स्व.लक्ष्मणराव इनामदार, सरस्वती माता एवं भारत माता के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। इस अवसर पर मीना शर्मा एवं नम्रता सिंह द्वारा भावपूर्ण सहकार भारती गीत की प्रस्तुति दी।

आयोजन के तहत करीब 1500 पौधों का वितरण किया गया। वितरित किए गए पौधों में मुख्य रूप से भारतीय पारिस्थितिकी के लिए उपयोगी वृक्ष शामिल थे—पीपल, पाकड़, जामुन, शहतूत, अनार, अर्जुन, ढांक, शीशम, देसी कदंब, आँवला, अमरूद, बेल, नीबू, करौंदा, मधुमालती, कनेर, गुलमोहर आदि।

पर्यावरण संकट और उसके समाधान पर अनेक विद्वानों ने विचार व्यक्त किए और वृक्षारोपण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

प्रमुख अतिथिगण :

 आदित्य कुमार दुबे – संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक,सहकारिता आगरा संभाग, बी.एल.गुप्ता – मुख्य अभियंता, नगर निगम आगरा, पंकज भूषण – पर्यावरण अभियंता,नगर निगम , नवीन कुमार शर्मा –सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, UPPTCL, प्रो.लवकुश मिश्रा, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. डी. सी. मिश्रा, प्रो. शोभनाथ जैसल ,प्रभाकर शर्मा – सुपरिटेंडेंट, CGST , प्रो.वेद प्रकाश त्रिपाठी – प्रो-वाइस चांसलर , डॉ.सपना गोयल-एसएन मेडिकल कॉलेज ,के.के. पांडेय, श्रीमती करुणा नागर, डॉ. रोहतान सिंह, नीलम सिरसा, संजय यादव (एडवोकेट), विनय कामरा, चतुर्भुज तिवारी, विजय गोयल, प्रतिमा भार्गव, डॉ. केशव शर्मा, डॉ राजेश शर्मा, दिलीप कुमार, दिनेश कुमार,, अच्युत सारस्वत, प्रवेंदर व्यास, के के राष्ट्र सेविका समिति की पदाधिकारीगण, स्वयं सहायता समूह की अनेक सदस्याएँ, श्रीमती पूनम सोलंकी सहित अनेक पर्यावरण प्रेमी नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम संयोजक राकेश शुक्ला (उप सचिव,सी एल सी नगर निगम) ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं आभार प्रकट किया। उन्होंने 

कहा कि “माँ के नाम एक पेड़ लगाने का संकल्प केवल प्रकृति को समर्पण नहीं, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव की मिसाल भी है।इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य केवल पौधा वितरण न होकर, हर व्यक्ति को एक वृक्षपालक के रूप में प्रेरित करना था। संदेश स्पष्ट है कि 'तभी आएगी हरियाली,जब होगी पेड़-पौधों की रखवाली'।