एक्सक्लुसिव :'तेरह मोरी बांध'महज उपेक्षित जलसंचय संरचना ही नहीं,फिल्मों की शूटिंग के लिए भी उपयुक्त

 


ये बाँध ! कभी फिल्मों की शूटिंग के लिए काफी लोकप्रिय रहा 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : तेरह मोरी बांध आगरा जनपद की सबसे महत्वपूर्ण जल संचय संरचना तो है ही साथ ही फिल्म शूटिंग की दृष्टि से भी यह निर्देशकों की मनपसंद लोकेशन है।अगर बांध एक दम सूखा और बदहाल स्थित में नहीं होता तो बडीं फिल्में भले ही नहीं बन रही होती,किंतु प्री वेडिंग शूट जैसी शूटिंगे जरूर हो रही होतीं।

वैसे यह स्थान कभी शूटिंगों के लिए काफी लोक प्रिय रहा है।प्रख्यात सिने अभिनेता देवानन्द के - 'हम हैं राही प्यार के' का गीत किशोर कुमार की आवाज में  यहीं पर फिल्माया गया था। इसके अलावा ‘मेरे ब्रदर की दुल्हनया’ की शूटिंग और अभिनेत्री कैटरीना कैफ पर एक गाने को भी तेरह मोरी बांध पर ही फिल्माया गया था।

‘परदेस’ फिल्म में कई स्थानों पर तेरहमोरी बांध के पास हरियाली अच्छादित खेतों का फिल्मांकन किया गया है। फिल्म में शाहरुख खान के अलावा महिमा चौधरी,अपूर्व अग्निहोत्री,आलोक नाथ,अमरीश पुरी और हिमानी शिवपुरी जैसे शानदार कलाकार अहम रोल में थे। यह फिल्म 8 अगस्त 1997 को रिलीज हुई थी। बताते हैं कि एक दिन अमरीशपुरी हवाखोरी करते बांध के हैड पर जा पहुंचे। पानी डिस्चार्ज कर दिये जाने से बांध खाली हो गया था।अमरीशपुरी ने एक पुलिस वाले से पूंछा  कि क्या इसमें फिलहाल पानी भरना संभव होगा।बताते हैं कि उन्हें यह लोकेशन बेहद पसंद आया था।

प्रेमेंद्र अब हैं लोक कथा हीरो :

बॉलीवुड में प्रमेन्द्र अपने समय के प्रतिष्ठित हीरो थे,फतेहपुर सीकरी के मूल निवासी वॉलीवुड में नाम कमाने के बावजूद स्थानीय स्वजनों से खूब मिलते और रुपहले पर्दे के किस्से सुनाते। एक प्रकार से स्थानीय लोगों के लिये अपने समय के हीरो थे।

अब प्रमेन्द्र नहीं रहे,कोरोना काल में कई निजी संबधियों को खोना पडा था। फतेहपुर सीकरी वालों ने अपने प्रिय हीरो को खो दिया। अब प्रमेन्द्र यानि प्रमेन्द्र पाराशर तो नहीं हैं,किंतु उनकी यादे और किस्से अब भी अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। 

प्रेमेंद्र मूल रूप से फतेहपुर सीकरी के रहने वाले अपने जमाने के मशहूर बॉलीवुड स्टार प्रेमेंद्र पाराशर ने हमेशा तेरहमोरी बांध को शूटिंग के लिए उपयुक्त पाया। वैसे भी जब भी वह फतेहपुर सीकरी में होते थे तो बांध के चारों ओर घूमना और ताजी हवा का आनंद लेना उनका शौक था। (1942  में फतेहपुर सीकरी,उत्तर प्रदेश,भारत में पैदा हुए) एक बॉलीवुड अभिनेता थे जिन्हें 1970 के दशक में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता था। उनका फिल्मी कैरियर अपेक्षाकृत छोटा लेकिन उल्लेखनीय था। उन्हें कभी-कभी फिल्म निर्माताओं द्वारा "दूसरे मनोज कुमार" के रूप में संदर्भित किया जाता था। साज़ और सनम (1971), दीदार (1970), जोगी (1978) दुनिया क्या जाने (1971), होली आए रे (1970)। होली आई रे अपने समय की उनकी हिट फिल्म थी। 

पत्रकार की यादें :

फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र शुक्ला ‘यादगारे सुलहकुल’ कार्यक्रम की कवरेज करने की याद ताजा कर कहते हैं कि स्व.श्रीमती इंन्दिरा गांधी मुख्यअतिथि के रूप में भाग लेने के लिये हैलीकाप्टर से फतेहपुर सीकरी आयी थीं। उनके हैलीकाप्टर का हैलीपोर्ट तेरहमोरी बांध के पानी को डिस्चार्ज करके बनाया गया था। जैसे ही श्रीमती गांधी की नजर बांध के ढांचे पर पड़ी तो उन्होंने पूंछ ही लिया कि क्या यह बांध है। जब इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि बांधों में पानी रहना चाहिये,इन्हें किसी भी प्रयोजन के लिये खाली करवाया जाना गलत है। श्रीमती गांधी हिरन मीनार होते हुए ए एस आई के गैस्ट हाउस ले जायी गयी थीं।

तेरह मोरी बांध की महत्ता का आंकलन करने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर भी थे।1986 में रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में आयोजित आगरा -भरतपपुर मार्च में भाग लेने के लिये वह आये हुए थे।स्थानीय प्रबुद्धजन उन्हें बांध के बाये मार्ग होकर फतेहपुर सीकरी  के ए एस आई गैस्ट हाऊस तक ले गये थे। चन्द्र शेखर जी ने कई बार रूक कर बांध के बारे में जानकारी ली। उस समय के कांग्रेस नेता स्व बृज विहारी विशारद जो कि बांध के बारे में विस्तार से जानकारियां रखते थे,उन्होंने चन्द्रशेखर जी को न केवल बांध के बारे में जनकारियां दी,साथ ही बांध के प्रति दिलचस्पी दिखाने के लिये आभार भी जताया। 

एएसआई संरक्षित सूची का एक मात्र बांध :

तेरह मोरी बांध की खासियत उसका पुरातत्व सर्वेक्षण सूची में शामिल होना है। विश्वदाय स्मारक के रूप मे फतेहपुर सीकरी समूह संरक्षित है।इस समूह के संरक्षित स्थलों में तेरहमोरी बांध भी है।इसे सूची में 45 वें क्रम पर दर्शाया गया है( LIST OF CPM OF ASI AGRA CIRCLE, S. No 45 - भरतपुर की ओर जाने वाली सड़क के पार पुल/ Viaduct across the road leading to Bharatpur)

रिपोर्ट - राजीव सक्सेना 

छाया - असलम सलीमी