हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : किसी हादसे के शिकार को कहीं भी चोट लग सकती है। सबसे ज्यादा घातक सिर की चोट है। यदि आप इस चोट के प्रति संवेदनशील नहीं है तो मुश्किल हो सकती है। वहीं दूसरी ओर आपकी जागरूकता जिंदगियां बचा सकती है।
हाल में पुलिस लाइंस परेड ग्राउंड में सिर की चोट को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। पुलिस फोर्स में भर्ती हुए सैकड़ों युवाओं की उपस्थिति में न्यूरो सर्जन डॉ.उद्भव बंसल ने हादसे की स्थिति में उठाए जाने वाले कदम की जानकारी दी। सिर में चोट एक गंभीर समस्या हो सकती है। किसी भी झटके या चोट से मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है। दुर्घटना के बाद,हेलमेट न उतारें और व्यक्ति को एक करवट से लिटा दें। फिर तुरंत आपातकालीन सेवा को कॉल करें। सिर की चोट के लक्षणों पर ध्यान दें,जैसे लगातार उल्टी,चक्कर आना, भ्रम, या व्यवहार में बदलाव और तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सिर में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। कानों में आवाज आ सकती है। धुंधला दिख सकता है। चलने में कदम लड़खड़ा सकते हैं। याददाश्त या ध्यान केंद्रित करने में कमी हो सकती है। उल्टी आ सकती है। कान या नाक से खून बह सकता है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि शांत रहें और मदद बुलाएं। व्यक्ति को हिलाएं-डुलाएं नहीं। एम्बुलेंस में ले जाते समय व्यक्ति को एक साथ उठाएं। इस अवसर पर डॉ.बंसल ने युवा पुलिस कर्मियों की शंकाओं का निवारण भी किया। शिविर में उपस्थिति 100 से भी अधिक लोगों का बीएमडी (बोन मिनरल डेंसिटी) आकलन कराया गया। बायोस्थेसियोमेट्री कराकर यह जाना गया कि पैर का निचला हिस्सा कितना संवेदी है। लगभग 80 लोगों ने इस जांच का लाभ उठाया। वहीं 70 लोगों ने न्यूरो से संबंधित परामर्श लिया। शिविर आयोजन में डॉ.ओमप्रकाश बंसल,डॉ.सुमन बंसल,अंकित सहगल का सहयोग रहा। आयोजन के अतिथि एसीपी अक्षय मलिक रहे।
कृष्ण लीला समिति के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही सड़क हादसों से संबंधित जागरूकता का शिविर उनकी संस्था द्वारा कराया जाएगा।
डॉ.उद्धव बंसल के प्रति आभार।आजकल जिस तेजी से सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं हैं, उसके लिए आवश्यक है कि पूरे शहर में इसी तरह के जागरूकता अभियान चलाए जाएं,ताकि खास तौर पर युवा सचेत हो सकें। चैम्बर ने भी इस तरह का एक कार्यक्रम आयोजित किया था और आगे भी करते रहेंगे।
मनीष अग्रवाल
पूर्व अध्यक्ष एवं चेयरमैन'कॉर्डिनेशन एवं जनसंपर्क प्रकोष्ठ'


