हिन्दुस्तान वार्ता। शाश्वत तिवारी
लखनऊ। पत्रकारिता की गरिमा और उसकी चुनौतियों को केंद्र में रखकर राजधानी लखनऊ में एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति (पुनर्गठित) का प्रथम स्थापना दिवस विश्वेश्वरैया सभागार (लोक निर्माण विभाग, राजभवन के सामने) में बड़े उत्साह, गरिमा और जोश के साथ मनाया गया। राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुटे सैकड़ों पत्रकारों की उपस्थिति ने आयोजन को पत्रकारिता की सामूहिक शक्ति का जीवंत प्रतीक बना दिया।
समारोह की शुरुआत महापौर सुषमा खर्कवाल द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। मंजू माही की गणेश वंदना ने वातावरण को मंगलमय बना दिया। कार्यक्रम को स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी और बाबूराव विष्णु पराड़कर की स्मृति को समर्पित किया गया,जिन्होंने अपनी कलम से अंग्रेजी हुकूमत को ललकारा था।
पत्रकार समाज की नब्ज पकड़ने वाले कलम के सिपाही : सूचना निदेशक
कार्यक्रम की संबोधित करते हुए सूचना निदेशक,विशाल सिंह ने कहा कि “पत्रकार समाज की नब्ज पकड़ने वाले कलम के सच्चे सिपाही हैं। सूचना विभाग उनकी समस्याओं के समाधान में हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने यहां मौजूद सभी पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि पत्रकारों की हर उचित मांग पर विभाग सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति (पुनर्गठित) का ये कार्यक्रम पूरी तरह पत्रकारों के स्वास्थ्य,सुरक्षा और वरिष्ठ पत्रकारों की पेंशन व्यवस्था पर केंद्रित रहा।
पुनर्गठित समिति के संयोजक प्रभात त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकार केवल खबरें नहीं लिखते,बल्कि जनता की आवाज बनकर समाज के मुद्दे उठाते हैं। ऐसे में सरकार और संस्थाओं का दायित्व है कि पत्रकारों को निडर और सुरक्षित वातावरण मिले। उन्होंने पेंशन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और पीजीआई में पत्रकारों व उनके परिवारों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग उठाई।
दिवंगत पत्रकारों के परिवारों के लिए आर्थिक सहयोग की नई परंपरा की शुरुआत :
कार्यक्रम में दिवंगत पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव की पत्नी को सम्मानित कर 11,000 रुपए की आर्थिक सहायता और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। समिति ने संकल्प लिया कि भविष्य में दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को सहयोग और सम्मानित करने की परंपरा जारी रहेगी।
पत्रकारिता के मूल्य और चुनौतियाँ :
वरिष्ठ उद्घोषक आत्म प्रकाश मिश्र ने कहा कि भारतीय पत्रकारिता ने विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई है।
लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने पत्रकारिता को “समाज का दर्पण” बताते हुए कहा कि पत्रकार जनता की आवाज़ बनकर शासन-प्रशासन की खामियों को उजागर कर समाज को दिशा देते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद शीशराम सिंह "रवि" ने कहा कि पत्रकारों का मानदेय और पारिश्रमिक अपर्याप्त है। सरकार को पत्रकारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने वादा किया कि वह स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्रकारों की समस्याओं पर चर्चा करेंगे।
एकता ही पत्रकारों की असली ताक़त :
पूर्व प्रेस काउंसिल सदस्य रजा रिज़वी ने कहा कि पत्रकारों की असली ताक़त उनकी एकजुटता है और यही एकता उनके अधिकारों की रक्षा कर सकती है।
समिति के प्रशासनिक सलाहकार वरिष्ठ पत्रकार, शेखर श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया और भरोसा दिलाया कि पत्रकारों की आवाज़ मुख्यमंत्री तक लगातार पहुंचाई जा रही है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शाश्वत तिवारी, अजीत कुमार सिंह, अजय श्रीवास्तव, उमेश चंद्र मिश्रा, सर्वजीत सूर्यवंशी, दया विष्ट, हरजीत सिंह बाबा, धनंजय सिंह, परमजीत सिंह, विजय प्रकाश शुक्ला समेत प्रदेशभर के सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन विक्रम राव ने किया और राष्ट्रगान के साथ समारोह का विधिवत समापन हुआ।



