हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। दीपावली के उपरांत गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर श्री प्रेम निधि जी मंदिर, नई की मंडी में पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार अन्नकूट महोत्सव भक्तिभाव और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। मंदिर परिसर में सैकड़ों प्रकार के व्यंजन सजाए गए,जिनमें सखाड़ी, अनसखड़ी,दूधघर और नागरी जैसे पारंपरिक पकवान प्रमुख आकर्षण रहे।
मुख्य सेवायक हरिमोहन गोस्वामी और सुनीत गोस्वामी ने बताया कि अन्नकूट सेवा प्रभु की रसोई का सर्वश्रेष्ठ स्वरूप है, जिसमें भक्त अन्न के माध्यम से प्रभु के प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि पुष्टिमार्ग में सेवा ही पुष्टि प्राप्त करने का सर्वोच्च मार्ग है,और अन्नकूट उसी भावना का सजीव रूप है।
मंदिर में भक्तों ने सैकड़ों प्रकार के व्यंजन सजा कर भात का विशाल अन्नकूट बनाया। उसके शीर्ष पर तुलसीदल और घुघरे (माट) रखे गए, जो पुष्टिमार्गीय परंपरा का मुख्य प्रतीक हैं। मंदिर परिसर में अन्न, सुगंध और श्रद्धा का अद्भुत संगम दिखाई दिया। इसके साथ ही गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजन किया।
मंदिर प्रबंधक दिनेश पचौरी ने कहा कि अन्नकूट केवल भोजन का पर्व नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच प्रेम का सेतु है। सुनीत गोस्वामी ने बताया कि यह पर्व हमें प्रकृति, अन्न और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता की शिक्षा देता है।
पूरे मंदिर में जय जय श्री गोवर्धनधारी लाल की के जयघोष गूंज उठे। भक्तजन भक्ति रस में सराबोर होकर पुष्टिमर्गीय पद गोपन सों यह कन्हाई, जो हो कहत रह्यो भयो सोइ सपनांतर की प्रकट जनाई॥
कर जोरे व्रजपति जू ठाड़े,गोवर्धन की करत बडाई।
ऐसो देव हम कबहु न देख्यो, सहस्त्र भुजा धर खात मिठाई॥
का गायन भक्तों ने किया। मंदिर में दीपों की ज्योति, भोग की सुगंध और भक्तिमय संगीत से वातावरण पूर्णत: अलौकिक बना रहा। श्रद्धालुओं ने ठाकुर श्याम बिहारी जी के दर्शन कर अन्नकूट प्रसाद का आनंद लिया।
इस अवसर पर विशाल पचौरी,मनीष अग्रवाल रावी, सरदार सिंह धाकड़, अमित शर्मा, आशीष पचौरी आदि उपस्थित रहे।


