धवल पोशाक में श्रीहरि और जगमगाते दीपों की श्रंखला से जगमगाया श्रीजगन्नाथ मंदिर

यशोदा दामोदर महोत्सव के रूप में मनेगा कार्तिक उत्सव

शरद पूर्णिमा पर महारास देखने को ठहर गए थे चंद्रमा 

राधा रानी के प्रिय कार्तिक माह में प्रतिदिन दीपों से जगमगाएगा श्रीजगन्नाथ मंदिर

 कार्तिक मास दीपदान महोत्सव के प्रथम दिन श्वेत पोशाक में भक्तों को दिए दर्शन

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। 7 अक्टूबर,शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान माता यशोदा से चंद्रमा पाने की जिद पर मचले थे। आज ही यशोदा मैया ने थाली में चंद्रमा दिखाकर श्रीकृष्ण भगवान को बच्चों की तरह बहलाया था। वहीं महारास का परमानन्द ब्रजवासियों को शदर पूर्णिमा के दिन ही मिला था। जिसे देखने के लिए चंद्रमा भी ठहर गए थे। श्रीहरि की अन्य लीलाएं भी कार्तिक माह में हुई थीं। राधारानी के प्रिय कार्तिक मास दीपदान महोत्सव का शुभारम्भ श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कान,कमला नगर) में भक्तिभाव के साथ किया गया। मंगला आरती,संकीर्तन पर 2100 दीपदान के साथ आज सम्पूर्ण मंदिर जगमगा रहा था। आज श्रीहरि ने बहन सुभद्रा व भाई बलराम संग धवल पोशाक में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए।  

प्रातः 4.30 बजे मंगला आरती के साथ आज कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में कार्तिम मास दीपदान महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। जिसमें भक्तों ने दामोदराष्टकम, दीपदान कर तुलसी मैया की आरती की। हरे रामा हरे कृष्णा... संकीर्तन और भगवान के अलौकिक दर्शन ने हर भक्त को भक्ति के सरोबर में डुबकी लगवाई। इस्कान आगरा के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप ने बताया कि कार्तिक मास में प्रतिदिन दामोदराष्टम व गोपीगीत होंगे।प्रतिदिन 2100 दीप मंदिर परिसर में प्रज्ज्लित कर दीपदान किया जाएगा। भगवान के विभिन्न वेश और गोपाष्टमी, बैकुण्ठ चतुर्दशी, दीपावली,देवउत्थान एकादशी सहित विभिन्न उत्सव भक्तिभाव के साथ मनाए जाएंगे। इस शुभ अवसर पर पीआरओ इस्कॉन अखिलेन्द्र योगी ने देवों-देवियों को नमन करते हुए,श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं प्रेषित कीं हैं।

 इस अवसर पर मुख्य रूप से सुशील अग्रवाल, सुनील मनचंदा, आशु मित्तल, संजीव मित्तल, संजीव बंसल, शैलेश बंसल, राजेश उपाध्याया, संजय कुकरैजा, ओमप्रकाश अग्रवाल, शैलेन्द्र, नितेश अग्रवाल, अदिति गौरांगी आदि उपस्थित थे।   

10 वर्ष बाद नए सिंहासन पर विराजन हुए भगवान जगन्नाथ :

आगरा। आज शरद पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा व भाई बलराम संग नए सिंहासन पर विराजमान हुए। श्वेत पोशक धारण किए भगवान के अलौकिक दर्शक को हर भक्त उत्सुक था। मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने बताया कि 10 वर्ष बाद भगवान को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर नए सिंहासन पर विराजमान किया गया है।

पूरे माह होंगे यशोदा दामोदर के दर्शन :

त्रैता युग में दीपावली के दिन श्रीराम अयोध्या वापस आए थे, परन्तु द्वापर युग में दीपावली के दिन यशोदा माता ने भगवान को ओखल से बांध दिया था। यह ऐसी लीला है जिसे कोई देख भी नहीं सका। भक्ति के कारण श्रीहरि माता से प्रेमवश बंधे थे। इसी भक्ति को नमन करने के लिए कार्तिक माह में प्रतिदिन यशोदा-दामोदर के दर्शन होते हैं। श्रीकृष्ण की सभी लीलाएं कार्तिक माह में हुई। गौचारण गिर्राज धरण, महारास, कालिया नाग मर्दन, इंद्र दमन, गोवर्धन पूजा, समुन्द्र मंथन सभी लीलाए कार्तिक मास में हुई। श्रीकृष्ण का जन्म भादों में परन्तु नामकरण कार्तिक माह में ही हुआ था।